संवाददाता, पटना
सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को गुणवत्तायुक्त और पौष्टिक आहार परोसने के उद्देश्य से अब मिड डे मील की क्वालिटी में सुधार किया जायेगा. कक्षा एक से आठ के बच्चों को मिड डे मील में दिये जाने वाले चावल की क्वालिटी बेहतर की जायेगी. इसके साथ ही चावल तैयार करने की प्रक्रिया में भी बदलाव किया जायेगा. चावल से कार्बोहाइड्रेट की प्रचुर मात्रा मिले, इसके लिए अब चावल के माड़ को फेंका नहीं जायेगा. इसके लिए माड़ के साथ ही चावल को पकाना होगा. शिक्षा विभाग की ओर से सभी रसोइयों को चावल बनाने के तरीके की जानकारी दी गयी है. रसोइयाें के नाम जारी पत्र में कहा गया है कि दो बार चावल को पानी से धोने के बाद तीसरी बार जिस पानी से चावल धोया जा रहा है, उस पानी को नहीं फेकें. चावल पकाते समय इस बात का ख्याल रखने को कहा गया है कि उतना पानी ही लिया जाये, जिसमें चावल अच्छी तरह से पक जाये. स्कूलों में बच्चों को अब अधिक पोषण वाले चावल खिलाने के उद्देश्य से आम चावल की जगह फोर्टिफाइड चावल दिया जायेगा. फोर्टिफाइड चावल तैयार करने के चावल को प्रोसेस किया जाता है. इसमें चावल का पाउडर बनाया जाता है और उसमें पोषक तत्व विटामिन बी-12, फोलिक एसिड और आयरन को मानकों के अनुसार मिलाया जाता है. इसके साथ ही एक्सट्रेडर मशीन से चावल के दानों को सामान्य चावल के 100 दानों के अनुपात में मिलाया जाता है. फोर्टिफाइड चावल में युक्त पोषक तत्व कई बीमारियों से लड़ने में भी सहायक होते हैं. यदि किन्हीं कारणों से यह चावल मुहैया नहीं कराया गया है, तो इसमें फोर्टिफाइड चावल मिला होना चाहिए. भोजन बनाने के दौरान सफाई का रखें ध्यान
विभाग ने भोजन रखने वाली जगह की बेहतर सफाई करने का निर्देश दिया है. वर्षा के मौसम में सफाई पर सावधानी बरतने को कहा गया है. खाना तैयार करने के बाद अच्छे से ढकने और खाना साफ बर्तन में परोसने को कहा गया है. खाना बनने से पहले और बच्चों के भोजन खाने के बाद बर्तन को अच्छे तरीके सफाई करने पर भी ध्यान देने को कहा गया है. बर्तन को गर्म पानी से धोकर ही रखना होगा.
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