संवाददाता, पटना : पटना नगर निगम ने स्वच्छता सर्वे की तैयारी शुरू कर दी है. 17 सितंबर को गीला व सूखा कचरे को अलग-अलग करने के अभियान से इसकी शुरुआत होगी. माह के अंत से इसके लिए फीडबैक कलेक्शन शुरू होगा. इसके लिए आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के पोर्टल खुलने और गाइडलाइन जारी होने का इंतजार किया जा रहा है, क्याेंकि उसके अनुकूल ही यहां भी फीडबैक का संग्रह किया जायेगा और उसकी पूरी प्रक्रिया तय की जायेगी.
जीएफसी थ्री स्टार रैंक के लिए होगा प्रयास
बीते वर्ष पटना नगर निगम ने गार्बेज फ्री सिटी (जीफसी) श्रेणी में 425 अंक लाकर स्टार वन रैंक प्राप्त किया था. इस बार अधिक अंक लाकर स्टार थ्री रैंक लाने का प्रयास करेगा. इस श्रेणी में कुल 1375 अंक होते हैं. सौ फीसदी अंक प्राप्त होने पर सेवेन स्टार रैंक प्राप्त होता ह्रै. साथ ही वाटर प्लस का अपना रैंक भी पटना नगर निगम बनाये रखने का प्रयास करेगा. मालूम हो कि बीते वर्ष इस श्रेणी के 1125 में पूरे 1125 अंक लाकर पटना नगर निगम ने वाटर प्लस रैंक हासिल किया था, जो उसके पहले के वर्षों में प्राप्त ओडीएफ प्लस प्लस से एक रैंक ऊपर था और इसके लिए पटना नगर निगम ने 400 अंक अधिक प्राप्त किये थे. ऐसा न केवल सीवरेज ट्रीटमेंट के क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन करने के कारण हुआ, बल्कि ट्रीटमेंट के बाद प्राप्त पानी का फॉगिंग, सिंचाई और पौधरोपण जैसे कार्यों में इस्तेमाल के कारण भी हुआ.खाली प्लॉट में कचरा फेंकने वाले चिह्नित
खाली प्लॉट पर कचरा फेंकने वाले लोगों को पटना नगर निगम ने चिह्नित किया है. इसके लिए पहले सर्वे करा कर ऐसे खाली प्लाटों को चिह्नित किया गया, जहां आसपास के लोग अपने घरों का कचरा डालते हैं. उसके बाद उसके आसपास के लोगों को चिह्नित किया गया, जो इन खाली प्लॉट में अपने घर से बाहर निकल कर या घर में बैठे-बैठे पॉलिथिन में बांध कर कचरा फेंकते हैं. नगर आयुक्त अनिमेष कुमार पराशर ने बताया कि ऐसे लोगों को चिह्नित करने की प्रक्रिया पूरी हो गयी है. अब इन खाली प्लॉट के कचरे को नगर निगम साफ करना शुरू करेगा, जिसमें गंदगी फैलाने वाले लोगों से भी श्रमदान कराया जायेगा. साथ ही उनसे एफिडेविट भी लिया जायेगा कि वे आगे उस खाली प्लॉट में कचरा नहीं फेकेंगे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है