Vastu Tips for Kids Room: वास्तु शास्त्र का बच्चों के कमरे पर पड़ने वाला प्रभाव न केवल उनके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करता है, बल्कि उनके व्यक्तित्व विकास और भविष्य की दिशा को भी निर्देशित करता है. जब बच्चे बड़े होते हैं और उनके लिए अलग कमरे की आवश्यकता होती है, तो यह बेहद महत्वपूर्ण हो जाता है कि वह कमरा वास्तु के अनुसार सही तरीके से बनाया और सजाया जाए. यहां कुछ वास्तु टिप्स दिए गए हैं, जिन्हें ध्यान में रखकर आप अपने बच्चे के लिए एक सकारात्मक और उन्नति से भरा माहौल तैयार कर सकते हैं.
बच्चों के कमरे की दिशा का महत्व
वास्तु शास्त्र के अनुसार, बच्चों के कमरे के लिए सबसे उत्तम दिशा पश्चिम या दक्षिण-पश्चिम होती है. यह दिशा बच्चों की समृद्धि और स्वास्थ्य के लिए शुभ मानी जाती है. बच्चों के लिए सही दिशा में सिर रखकर सोना भी बहुत महत्वपूर्ण है. उन्हें हमेशा पूर्व या दक्षिण दिशा में सिर रखकर सोना चाहिए, जिससे नींद गहरी और स्वास्थ्य लाभकारी हो सके.
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दरवाजे की दिशा का वास्तु शास्त्र में महत्व
जब बच्चों के कमरे का दरवाजा खुलता है, तो उसकी दिशा दक्षिणावर्त होनी चाहिए. इसके साथ ही दरवाजों पर आक्रामक या नकारात्मक चित्र या पोस्टर नहीं लगाना चाहिए, क्योंकि यह नकारात्मक ऊर्जा को आमंत्रित कर सकता है.
बेड के सामने न हो यह चीजें
बच्चों के कमरे में बेड के ठीक सामने शीशा या दरवाजा होना वास्तु दोष माना जाता है. यह दुर्भाग्य और नकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाता है. इसलिए सुनिश्चित करें कि बेड के सामने किसी भी प्रकार की खिड़की या दरवाजा न हो.
फर्नीचर और बेड की सही दिशा
बच्चों के कमरे में फर्नीचर, विशेष रूप से बेड, हमेशा दक्षिण-पश्चिम दिशा में होना चाहिए. इस दिशा में लकड़ी के बिस्तर का उपयोग करने से बच्चे के जीवन में समृद्धि और सकारात्मकता आती है. वहीं, धातु के बेड से बचना चाहिए, क्योंकि यह नकारात्मक ऊर्जा का कारण बन सकता है.
स्टडी टेबल और बुकशेल्फ की दिशा
बच्चों की पढ़ाई के लिए स्टडी टेबल को पश्चिम या दक्षिण-पश्चिम दिशा में रखना शुभ माना जाता है. पढ़ाई करते समय बच्चे का चेहरा उत्तर या पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए, ताकि उन्हें बेहतर एकाग्रता और ज्ञान प्राप्त हो सके. बुकशेल्फ़ को उत्तर-पूर्व दिशा में रखना उचित होता है, और लकड़ी के बुकशेल्फ का उपयोग करना चाहिए.
खिलौनों का चयन
वास्तु शास्त्र के अनुसार बच्चों के कमरे में कभी भी जंगली जानवरों के खिलौने नहीं रखने चाहिए, क्योंकि यह उनके स्वभाव में आक्रामकता बढ़ा सकता है. बच्चों के कमरे में हमेशा सकारात्मक और सृजनात्मक खिलौने ही रखने चाहिए, जो उनकी मानसिक और शारीरिक विकास में सहायक हों.
इन वास्तु टिप्स को ध्यान में रखकर आप अपने बच्चों के लिए एक ऐसा माहौल तैयार कर सकते हैं, जो उनके मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक विकास में सकारात्मक भूमिका निभाएगा.
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ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
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