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UP Defence Industrial Corridor: दुश्मनों के लिए कहर बनेंगी यूपी में बनी AK-203 और ब्रह्मोस मिसाइल

यूपी डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर (UP Defence Industrial Corridor) भारत को रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने में बड़ी भूमिका निभाने जा रहा है. आगरा, अलीगढ़, लखनऊ, कानपुर, चित्रकूट, झांसी नोड में विकसित किए जा रहे डिफेंस कॉरिडोर में अब तक 154 एमओयू हो चुके हैं. कानपुर में अदाणी डिफेंस सिस्टम एंड टेक्नोलॉजीज लिमिटेड ने प्रोडक्शन शुरू कर दिया है. भारत को रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने में यूपी की क्या भूमिका है, इस पर एक नजर...

UP Defence Industrial Corridor: भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कुछ दिन पहले जोधपुर में कहा था कि ‘भारत रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत के नए संकल्प के साथ तेजी से आगे बढ़ रहा है. हल्के लड़ाकू विमान, सेंसर, रडार, इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर जैसी चीजों में हम बहुत हद तक आत्मनिर्भर हो चुके हैं और लगातार आगे बढ़ने के लिए प्रयासरत हैं.’ रक्षा मंत्री का ये बयान ऐसे ही नहीं था. भारत में रक्षा क्षेत्र में बेहतरीन प्रयास हो रहे हैं. इसकी बानगी यूपी में विकसित हो रहे डिफेंस इंडस्ट्रस्ट्रियल कॉरिडोर (UP Defence Industrial Corridor) में देखी जा सकती है. आगरा, अलीगढ़, लखनऊ, कानपुर, चित्रकूट, झांसी नोड में बांटकर इसका विस्तार किया जा रहा है. लगभग 5000 हेक्टेयर भूमि के अधिग्रहण की योजना है. इसमें से 1546 हेक्टेयर का लैंड बैंक बनाया गया है. अधिग्रहण का कार्य चल रहा है.

25094.08 करोड़ का निवेश, 40277 रोजगार के अवसर

यूपी डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर उत्तर प्रदेश के मध्य, पूर्व, पश्चिम क्षेत्र में फैला है. दिल्ली-कोलकाता को जोड़ने वाले स्वर्णिम चतुर्भुज के साथ एक्सप्रेसवे के नेटवर्क से भी ये कॉरिडोर जुड़ा है. अनुमान है कि यूपी डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर में 25094.08 करोड़ का निवेश होगा. इससे 40277 रोजगार के अवसर पैदा होंगे. इस प्रोजेक्ट को गति देने के लिए यूपी में डिफेंस एक्सपो 2020 का आयोजन किया गया था. इसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की उपस्थिति में 22 समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए थे. डिफेंस एक्सपो के बाद 24 समझौता ज्ञापनों पर और हस्ताक्षर किया गया. जिससे कुल एमओयू की संख्या बढ़कर 46 हो गई है. एयरो इंडिया 2021 के दौरान 16 समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए. एयरो इंडिया 2021 के बाद 6 अन्य समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए. जिससे कुल एमओयू की संख्या बढ़कर 68 हो गई है. अब तक कुल 154 एमओयू साइन हो चुके हैं. इनमें से इंडस्ट्रियल एमओयू 134 और इंस्टीट्यूशनल एमओयू 25 हैं.

भूमि आवंटन की स्थिति

डिफेंस कॉरिडोर के लिए अब तक झांसी में एक हजार हेक्टेयर से अधिक, कानपुर नोड में दो सौ हेक्टेयर, लखनऊ में 160 हेक्टेयर, चित्रकूट में सौ हेक्टेयर, अलीगढ़ में 90 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहीत की गई है. अलीगढ़ में 23 उद्योग समूहों को भूमि आवंटित की जा चुकी है. झांसी में 8, लखनऊ में 6, कानपुर में 5 उद्योग समूहों को भूमि का आवंटन हो चुका है. चित्रकूट और आगरा में अभी भूमि आवंटन नहीं हुआ है.

इन कंपनियों ने किया निवेश

  • लखनऊ में ब्रह्मोस एयरोस्पेस और एयरोलॉय टेक्नोलॉजी लिमिटेड
  • झांसी में भारत डायनेमिक्स
  • अलीगढ़ में एनकोर रिसर्च लैब्स एएलएलपी, एमीटेक इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड
  • कानपुर में अदाणी डिफेंस सिस्टम एंड टेक्नोलॉजीज लिमिटेड, आधुनिक मैटेरियल एंड साइंस प्राइवेट लिमिटेड

कहां, क्या बनेगा

यूपी डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के झांसी नोड में भारत डायनेमिक्स मिसाइल इकाई स्थापित कर रहा है. लखनऊ नोड में ब्रह्मोस एयरोस्पेस नेक्स्ट जनरेशन (Brahmos NG) मिसाइल परियोजना पर काम चल रहा है. अलीगढ़ में मानव रहित एरियल सिस्टम, छोटे हथियार, कानपुर में विशेष कपड़े, बुलेट प्रूफ जैकेट, गोला बारूद, पैराशूट, झांसी में भूमि प्रणाली, हथियार, गोला बारूद, एमआरओ, चित्रकूट में परीक्षण सुविधाएं, लखनऊ में एयरोस्पेस हब और एयरो इंजन कलस्टर, इलेक्ट्रॉनिक्स, गैर प्रदूषणकारी उद्योग की स्थापना के प्रयास चल रहे हैं.

अमेठी में बन रही AK-203 राइफल

यूपी की राजधानी लखनऊ के पास अमेठी जिले में कोरवा आयुध फैक्ट्री में एके-203 रायफल का निर्माण किया जा रहा है. वर्ष 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस फैक्ट्री का शिलान्यास किया था. रूस के सहयोग से यहां पूरी तरह से मेक इन इंडिया राइफल का निर्माण किया जा रहा है. भारतीय सेना को 7.62 एमएम कैलिबर की 35 हजार एके-203 राइफल उपलब्ध कराई जा चुकी हैं. अभी 25 हजार राइफल सेना को और दी जानी हैं. इंडो राइफल्स प्राइवेट लिमिटेड इस निर्माण कर रहा है. ये रूस की रोसोबोरोन एक्सपोर्ट और क्लाशनिकोव कंसर्न, भारत की एडवांस्ड वेपंस एंड इक्विपमेंट इंडिया लिमिटेड, म्यूनिशन इंडिया लिमिटेड का साझा उपक्रम है.

एक नजर

भारत सरकार ने उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में दो डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर विकसित करने की 2018-19 के केंद्रीय बजट के दौरान इसकी घोषणा की थी. 11 अगस्त 2018 को अलीगढ़ में आयोजित बैठक में रक्षा उत्पादन में 3700 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश की घोषणा की गई. उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (UPEIDA) को राज्य की विभिन्न एजेंसियों के साथ मिलकर इस परियोजना को आगे बढ़ाने के लिए नोडल एजेंसी बनाया गया है.

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