प्रतिनिधि, ठाकुरगंज
मौसम की मार झेल रहे चाय उत्पादक किसानों के दिन फिर आये है. भले खराब मौसम से चाय उत्पादन में भारी कमी दर्ज की गई थी लेकिन ऊंची कीमतों ने चाय पत्ती किसानों के चेहरे की रौनक लौटा दी है. इन दिनों चाय की कीमत 28 से 35 रुपये किलो तक पहुंच गई है और यह दाम लगातार रहने की उम्मीद किसान लगाये है. इस मामले में चाय पत्ती किसान बताते है कि इस सीजन की शुरुआत में यह दाम केवल 20 रूपए किलो था.खराब मौसम ने बढ़ाई हरी चाय का दाम
भारत में चाय की कीमतें आसमान छू रही हैं, क्योंकि मौसम की मार से उत्पादन में कमी आई है. जानकारों के अनुसार उम्मीद है कि यह कीमतें और भी ऊंची रहेंगी, क्योंकि कटाई के मौसम में गर्मी और बाढ़ के कारण प्रमुख उत्पादक क्षेत्रों में उत्पादन में कमी आई है. कीमतों में यह उछाल संकट से जूझ रहे चाय किसानों को राहत दे रही है. बताते चले पिछले कई वर्षो से किसान चाय की कीमतों में मामूली वृद्धि के बीच बढ़ती उत्पादन लागत से जूझ रहा था.चाय उत्पादन 30 फीसदी तक घटा
इस मामले में चाय उत्पादक किसान कहते है कि विपरीत मौसम के चलते चाय के उत्पादन पर असर पड़ा है. मई में अत्यधिक गर्मी और उसके बाद असम में लगातार बाढ़ के कारण उत्पादन में कमी आई. सरकार की ओर से 20 कीटनाशकों पर प्रतिबंध लगाने के फैसले से भी उत्पादन प्रभावित हुआ है.
चाय की कीमतें 16 फीसदी तक और बढ़ने की आशंका
बताते चले भारत के कुल चाय उत्पादन का आधे से अधिक हिस्सा जुलाई से अक्टूबर के दौरान तोड़ा जाता है. 2024 में औसत चाय की कीमतें पिछले साल की तुलना में 16 फीसदी से 20 फीसदी तक अधिक हो सकती हैं.बंगलादेश में फैली अशांति भी दाम बढ़ने का कारण
बड़ी संख्या में बांग्लादेश के किसान अब चाय की खेती करने लगे हैं. भारत की सीमा से सटे चाय बगान उत्पादक अपनी हरी पत्तियों को भारतीय क्षेत्रों में अवस्थित प्रोसेसिंग प्लांट में भेजते थे लेकिन इन दिनों सीमा पर सुरक्षा बलों की कड़ाई से बंगलादेशी हरी चाय नहीं आरही और इस कारण भी भारतीय किसानों को अच्छा दाम मिल रहा है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है