Madhubani News. जयनगर. कमला नहर प्रमंडल के निरीक्षण भवन परिसर में कार्यपालक अभियंता विजय कुमार की अध्यक्षता में डॉ एम विश्वेश्वरैया की जयंती समारोह मनायी गयी. हर साल अभियंता दिवस का उत्सव एक केंद्रीय विषय के चारों ओर घूमता है. आधुनिक भारत के विश्वकर्मा के रूप में बड़े सम्मान के साथ स्मरण किया जाता है. भारत रत्न डॉ मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया के जन्मदिवस को अभियंता दिवस के रूप में मनाया गया है. गरीब परिवार में जन्मे विश्वेश्वरैया ने देश ही नहीं, दुनियाभर में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया. उनके नाम पर डाक टिकट भी जारी हुआ. विश्वेश्वरैया का बिहार से गहरा नाता है. राजधानी पटना में उनके नाम से विश्वेश्वरैया भवन भी है. राजेंद्र सेतु इसी कर्मयोगी की जीवंतता की मिसाल है. वे 92 साल की उम्र में भी साइकिल से पुल निर्माण के काम के लिए जाया करते थे. संसाधनों की कमी के बावजूद उन्होंने लगभग दो किलोमीटर लंबे इस पुल के सपने को साकार कर दिखाया. यह दो मंजिला पुल गंगा नदी पर बना बिहार का रेल सह सड़क पुल है. जो उत्तर बिहार को दक्षिण बिहार से जोड़ता है. डॉ विश्वेश्वरैया ने जल वितरण, सड़कों, संचार व सिंचाई के लिए सैकड़ों परियोजनाएं बनाईं. उन्हें समय के सबसे महान इंजीनियर के रूप में जाना जाता है. जिन्होंने इंजीनियरिंग के क्षेत्र में अपने दृष्टिकोण और समर्पण के साथ भारत में असाधारण योगदान दिया. कार्यक्रम में विजय कुमार कार्यपालक अभियंता मुनहरा बराज प्रमंडल, अमोद कुमार कार्यपालक अभियंता कमला नहर प्रमंडल जयनगर, जयनगर बाढ़ नियंत्रण अवर प्रमंडल जयनगर के अवर प्रमंडल पदाधिकारी विजय कुमार प्रिंस, सहायक अभियंता दिनेश कुमार यादव, सहायक अभियंता पंकज कुमार, विकाश कुमार, बाल्मिकी प्रसाद कमला नहर प्रमंडल जयनगर, प्राक्कलन पदाधिकारी मनोज कुमार कमला नहर प्रमंडल जयनगर समेत सभी कनीय अभियंता एवं अन्य अभियंता उपस्थित थे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है