साहिबगंज. आदिम जनजाति छह वर्षीय बच्ची गोमदी पहाड़ीन की हुई मौत में डॉक्टर्स पर प्रशासनिक कार्रवाई के विरोध में साहिबगंज सदर अस्पताल सहित सरकारी व गैर-सरकारी अस्पतालों के चिकित्सकों ने सोमवार को काला बिल्ला लगाकर कार्य किया. इसमें सदर अस्पताल, एमसीएच व अटल क्लिनिक के भी चिकित्सक शामिल रहे. रविवार को आइएमए व झासा की संयुक्त बैठक हुई थी. बैठक में मृत बच्ची गोमदी पहाड़िन के पूरे प्रकरण की जानकारी लेते हुए चिकित्सकों से कई मुद्दों पर चर्चा की थी. बैठक में डॉक्टरों पर प्रशासनिक कार्रवाई को अनुचित बताते हुए कहा गया था कि मीडिया रिपोर्ट के अनुसार चिकित्सकों पर दर्ज एफआइआर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के खिलाफ हैं. इस निर्णय को प्रशासन वापस ले. उपाधीक्षक व सिविल सर्जन के रहते सदर अस्पताल में नोडल पदाधिकारी प्रतिनियुक्त करना न्याय संगत नहीं है. अगर ज़िला प्रशासन नोडल पदाधिकारी रखना चाहती है, तो अप्रिय घटना के लिए भी नोडल पदाधिकारी ही जिम्मेदार होंगे. जिले के सभी अस्पताल में पदस्थापित चिकित्सा पदाधिकारी का अवरुद्ध वेतन का अविलंब भुगतान किया जाये. नोडल पदाधिकारी के रूप में प्रतिनिधित्व डीसी की सेवा वापस ली जाए. सभी मांगें नहीं मानी गयी, तो 16 व 17 सितंबर को सभी चिकित्सक काला बिल्ला लगाकर सांकेतिक हड़ताल करेंगे. अगर मांग पूरी नहीं होती है, तो राज्य से संज्ञान लिया गया है. 18 सितंबर से ओपीडी बहिष्कार किया जायेगा. वहीं सोमवार को सदर अस्पताल के चिकित्सक डॉ रणविजय कुमार, डॉ तबरेज आलम, डॉ फरोग हसन, डॉ शहबाज हुसैन, डॉ पूनम कुमारी, डॉ भारती कुमारी, डॉ मुकेश कुमार ने काला बिल्ला लगाकर कार्य किया.
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