प्रतिनिधि, मुंगेर. भाद्रपद के शुक्लपक्ष की चतुर्दशी पर मंगलवार को अनंत चतुर्दशी का व्रत मनाया जायेगा. वैसे तो शुक्ल पक्ष चतुर्दशी सोमवार 16 सितंबर को दोपहर 3 बजकर 10 मिनट पर शुरू हो चुका है. लेकिन उदया तिथि के अनुसार, अनंत चतुर्दशी इस बार 17 सितंबर मंगलवार को यानी आज मनाया जायेगा. वहीं अनंत चतुर्दशी को लेकर सोमवार को पूरे दिन बाजारों में खरीदारी के लिये लोगों की भीड़ लगी रही. जबकि पूरा शहर रंग-बिरंगे अनंत के धागों से पटा नजर आया. अनंत चतुर्दशी पर मंगलवार को भगवान विष्णु की विशेष पूजा-अर्चना की जायेगी. इस व्रत को अनंत चौदस के नाम से भी जाना जाता है. भगवान विष्णु को ही अनंत कहा जाता है. इस दिन पूजा करने के बाद श्रद्धालु अपने बाजू पर अनंत सूत्र बांधते हैं और अगले चौदह दिनों तक अनंत पूजा के नियमों का पालन करते हैं. इधर श्रद्धालु व्रत की तैयारियों में जुट गये हैं. जिसे लेकर सोमवार को बाजार में विभिन्न चौक-चौराहों पर बिक रहे अनंत सूत्र व फलों की खरीदारी को लेकर खरीदारों की भीड़ उमड़ पड़ी.
भगवान विष्णु की होगी पूजा-अर्चना
अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान विष्णु के अनंत रूप की पूजा होती है. पंडित प्रमोद मिश्रा ने बताया कि इस दिन पूजा के बाद 14 गांठों से बने अनंत सूत्र को अपने बाजू पर बांधा जाता है. ये 14 गांठें हरि द्वारा उत्पन्न 14 लोकों, चौदह तल, अतल, वितल, सुतल, तलातल, रसातल, पाताल, भू, भुव, स्व, जन, तप, सत्य, मह की रचना की प्रतीक है. ऐसी मान्यता है कि इस व्रत को यदि 14 वर्षों तक किया जाए, तो व्रती को विष्णु लोक की प्राप्ति होती है. भगवान सत्यनारायण की तरह ही अनंत देव भी भगवान विष्णु को ही कहते हैं. इसलिये अनंत चतुर्दशी के दिन सत्यनारायण भगवान की व्रत कथा का पाठ भी किया जाता है. इसके साथ अनंत देव की कथा भी सुनी जाती है. ऐसा माना जाता है कि व्रत रखने के साथ यदि श्रद्धालु श्री विष्णु सहस्त्रनाम स्त्रोत का पाठ करत हैं, तो उसकी समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती है.
व्रत का शुभ मुर्हूत मंगलवार को सुबह 11 बजकर 44 मिनट तक
पंडित प्रमोद मिश्रा ने बताया कि इस बार अनंत चतुर्दशी की तिथि का आरंभ 16 सितंबर को दोपहर 3 बजकर 10 मिनट पर शुरू हो जाएगी और इस तिथि का समापन 17 सितंबर को सुबह 11 बजकर 44 मिनट पर होगा. उदया तिथि के अनुसार, अनंत चतुर्दशी इस बार 17 सितंबर, मंगलवार को ही मनाई जायेगी. अनंत चतुर्दशी के दिन गणेश जी का विसर्जन किया जाता है. इस दिन गणेश जी के विसर्जन के लिए सबसे शुभ मुहूर्त दोपहर 3 बजकर 20 मिनट से शाम 4 बजकर 50 मिनट तक रहेगा. ये बहुत ही शुभ मुहूर्त है.
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