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death in unconscious state दुर्घटना में घायल व्यक्ति की सदर अस्पताल में बेहोशी की हालत में हुई मौत

Died in unconscious state in Sadar Hospital सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में छह दिनों से सड़क हादसे में घायल व्यक्ति की इलाज के दौरान सोमवार को मौत हो गई.

death in unconscious state रेफर के बाद भी नहीं मिला पुलिसकर्मी का सहयोग,काश, मेडिकल कॉलेज में भर्ती होता तो जिंदा होता,उसकी पहचान के लिए पोस्टमार्टम हाउस में परिजन के आने का इंतजार किया जा रहा है. शव को 72 घंटे तक रखा जाएगा.

समस्तीपुर. सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में छह दिनों से सड़क हादसे में घायल व्यक्ति की इलाज के दौरान सोमवार को मौत हो गई. अस्पताल प्रशासन ने लाश की पहचान को लेकर पोस्टमार्टम हाउस में 72 घंटे तक रखा है. लेकिन, उसे खोजबीन करने के लिए कोई भी शख्स सामने नहीं आया है. सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉक्टर नागमणि राज ने बताया कि 10 सितंबर को ही मुसरीघरारी थाने की पीटीसी सिपाही अभिमन्यु द्विवेदी ने इलाज के लिए यहां भर्ती कराया था. सड़क दुर्घटना में वह मुसरीघरारी थाना के मोतीपुर सब्जी मंडी के पास घायल हुआ था. प्रभारी थाना अध्यक्ष मुसरीघरारी शैलेंद्र कुमार ने बताया कि पहचान के लिए प्रयास किया जा रहा है. लेकिन, इस बीच स्वास्थ्य कर्मियों के बीच एक खास चर्चा हो रही है. चर्चा है कि अगर पुलिसकर्मी साथ देते तो, अस्पताल प्रशासन उसे बेहतर इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज में भर्ती करा देता. उसकी पहचान भी हो जाती. बेहोशी की हालत में मौत को लेकर अस्पताल में भर्ती वार्ड में मरीजों व परिजनों ने कहा कि पुलिसकर्मियों की कार्यशैली को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं. अस्पताल प्रशासन उसे बचाने व पहचान के लिए लगातार पुलिसकर्मी देने की मांग की गयी. लेकिन, सहयोग नहीं मिला.

death in unconscious state: मामला संज्ञान में आया है. मामले की जांच की जा रही है.

इस बीच प्रभारी एसपी ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है. मामले की जांच की जा रही है. जो भी जिम्मेवार पुलिसकर्मी है. उसके खिलाफ जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी. अगर थाने की ओर से पुलिसकर्मी उपलब्ध कराया गया होता तो बेहतर इलाज के लिए उसे मेडिकल कॉलेज में भेजा जाता. काश वह आज जिंदा भी होता. वार्ड में भर्ती बीमार मरीजों ने कहा के पुलिस कर्मियों की कार्यशैली के कारण उसकी मौत हो गई. मानवता को दर्द देनेवाली घटना को लेकर कई सवाल पुलिस कर्मियों पर भी उठने लगे हैं. हालांकि, मुसरीघरारी थाने की यह कोई पहली घटना नहीं है. इससे पूर्व में भी जब सदर अस्पताल में अज्ञात और लावारिस को भर्ती कराया गया था. लेकिन, वह बच नहीं सका. इलाज के अभाव उसकी मौत हो गयी थी. आखिर, इसका जिम्मेदार कौन है. उपाधीक्षक श्री राज ने बताया कि पहले दिन से ही वह बेहोशी की हालत में था और उसकी मौत बेहोशी की हालत में हुई. उसकी पहचान के लिए पोस्टमार्टम हाउस में परिजन के आने का इंतजार किया जा रहा है. शव को 72 घंटे तक रखा जाएगा.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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