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One Nation One Election: वन नेशन वन इलेक्शन को विपक्ष ने नकारा, बीजेपी ने बताया ऐतिहासिक कदम

One Nation One Election: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई में केंद्रीय कैबिनेट ने वन नेशन वन इलेक्शन को अपनी मंजूरी दे दी. जिसके बाद देशभर में एक बार फिर से इसको लेकर चर्चा शुरू हो गई. कांग्रेस सहित सभी विपक्षी दलों ने सरकार के इस फैसले को गलत बताया, तो बीजेपी ने मोदी सरकार की प्रशंसा की.

One Nation One Election: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ की व्यवस्था व्यवहारिक नहीं है तथा भारतीय जनता पार्टी चुनाव के समय इसके जरिये असल मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश करती है. उन्होंने यह भी कहा कि ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव की व्यवस्था’ चलने वाली नहीं है.

शाह ने वन नेशन वन इलेक्शन जल्द लागू करने की घोषणा की

गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को कहा था कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली राजग सरकार अपने मौजूदा कार्यकाल में ही ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ को लागू करेगी. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट किया, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत परिवर्तनकारी सुधारों का गवाह बन रहा है. आज इस दिशा में भारत ने ऐतिहासिक चुनावी सुधारों की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है, क्योंकि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एक राष्ट्र एक चुनाव पर उच्च स्तरीय समिति की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया है. यह स्वच्छ और वित्तीय रूप से कुशल चुनावों के माध्यम से हमारे लोकतंत्र को मजबूत करने और संसाधनों के अधिक उत्पादक आवंटन के माध्यम से आर्थिक विकास को गति देने की मोदी जी की दृढ़ इच्छाशक्ति को दर्शाता है.

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बहुप्रतीक्षित और ऐतिहासिक कदम : धामी

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ट्वीट किया और वन नेशन वन इलेक्शन को मिली मंजूरी को बहुप्रतीक्षित और ऐतिहासिक कदम बताया. उन्होंने इसके लिए पीएम मोदी को धन्यवाद दिया और कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के कुशल नेतृत्व में भारतीय लोकतंत्र को और अधिक सशक्त और प्रभावी बनाने की दिशा में ‘एक देश – एक चुनाव’ के प्रस्ताव को केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा स्वीकृत किया जाना स्वागत योग्य निर्णय है. ‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ से चुनावों के दौरान खर्च होने वाले सरकारी धन व समय की बचत होगी एवं इसका उपयोग शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचे जैसे विकास कार्यों में अधिक प्रभावी ढंग से किया जा सकेगा.

‘एक देश, एक चुनाव’ से संघवाद नष्ट हो जाएगा : असदुद्दीन ओवैसी

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिममीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि उन्होंने ‘एक देश, एक चुनाव’ का लगातार विरोध किया, क्योंकि इससे संघवाद समाप्त हो जाएगा और लोकतंत्र से समझौता होगा. केंद्रीय मंत्रिमंडल के पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली समिति की ओर से ‘एक देश, एक चुनाव’ के संबंध में की गई सिफारिश को मंजूर किए जाने के कुछ ही मिनट बाद हैदराबाद से लोकसभा सदस्य ओवैसी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर जारी पोस्ट में कहा कि समय-समय पर चुनाव कराने से लोकतांत्रिक जवाबदेही में सुधार आता है.

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जद(यू) ने फैसले का स्वागत किया

जनता दल (यूनाईटेड) ने एक साथ चुनाव कराने के लिए एक उच्चस्तरीय समिति की सिफारिशों को स्वीकार करने के केंद्रीय मंत्रिमंडल के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि इस कदम से देश को बार-बार चुनाव कराने से छुटकारा मिल जाएगा, सरकारी खजाने पर बोझ से मुक्ति मिलेगी और नीतियों में निरंतरता बरकरार रहेगी.

वन नेशन वन इलेक्शन को मोदी कैबिनेट की मंजूरी, देखें वीडियो

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