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डीएम ने सदर अस्पताल का किया निरीक्षण,स्वास्थ्य कर्मियों में हड़कंप

जिला पदाधिकारी विशाल राज के सख्त दिशा-निर्देशों के तहत, सातों प्रखंडों के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और सदर अस्पताल का गहन निरीक्षण किया गया.

जिलास्तरीय पदाधिकारियों के द्वारा सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का किया गया निरीक्षण निरीक्षण के दौरान तेवर में दिखे डीएम

किशनगंज.जिला प्रशासन ने स्वास्थ्य सेवाओं को और अधिक बेहतर बनाने के उद्देश्य से एक व्यापक अभियान शुरू किया है. जिला पदाधिकारी विशाल राज के सख्त दिशा-निर्देशों के तहत, सातों प्रखंडों के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और सदर अस्पताल का गहन निरीक्षण किया गया. निरीक्षण के दौरान उन्होंने स्पष्ट किया कि स्वास्थ्य सेवाएं आम नागरिकों के लिए जीवन रेखा होती हैं और किसी भी प्रकार की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. इस अभियान के तहत प्रशासनिक अधिकारियों की एक टीम ने सभी अस्पतालों का दौरा किया और विभिन्न बिंदुओं पर गहन जांच की. इन बिंदुओं में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता से लेकर अस्पतालों के बुनियादी ढांचे तक का मूल्यांकन किया गया.

निरीक्षण की प्राथमिकताएं

निरीक्षण के दौरान विभिन्न महत्वपूर्ण बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित किया गया, जिनका सीधा संबंध मरीजों की स्वास्थ्य सेवाओं से है. सबसे पहले, सभी स्वास्थ्य केंद्रों में रिसेप्शन व्यवस्था और भवन की उपलब्धता की जांच की गई. यह देखा गया कि मरीजों का स्वागत और इलाज की प्रारंभिक प्रक्रिया सुचारू रूप से हो रही है या नहीं. डीएम श्री राज ने कहा कि रिसेप्शन मरीजों की पहली मुलाकात का बिंदु होता है और इसे सुव्यवस्थित और प्रभावी होना चाहिए, ताकि मरीजों को सही दिशा-निर्देश मिल सकें.ओपीडी संचालन की भी गहनता से जांच की गई. यह सुनिश्चित किया गया कि डॉक्टर और अन्य स्वास्थ्य कर्मी समय पर उपस्थित हों और मरीजों को प्रभावी सेवाएं मिल रही हों. इसके साथ ही, एम्बुलेंस सेवा की उपलब्धता और संचालन की स्थिति पर भी विशेष ध्यान दिया गया. एम्बुलेंस सेवाओं को समय पर संचालित करने और किसी आपात स्थिति में तुरंत सहायता प्रदान करने के लिए जांच की गई कि सभी वाहन सही स्थिति में हैं और उनका नियमित रूप से इस्तेमाल हो रहा है.

साफ-सफाई और स्वास्थ्य केंद्रों की स्वच्छता पर जोर

स्वास्थ्य सेवाओं में स्वच्छता का विशेष महत्व होता है. जिला पदाधिकारी ने अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों की साफ-सफाई पर विशेष जोर दिया. उन्होंने कहा कि अस्पताल की स्वच्छता मरीजों के स्वास्थ्य और इलाज की गुणवत्ता को सीधे प्रभावित करती है. निरीक्षण के दौरान शौचालयों की स्थिति भी देखी गई. यह सुनिश्चित किया गया कि शौचालयों की नियमित रूप से सफाई की जा रही है और मरीजों और उनके परिजनों को साफ और स्वच्छ सुविधाएं उपलब्ध हैं.स्वास्थ्य कर्मियों की उपस्थिति पर भी विशेष ध्यान दिया गया. जिला पदाधिकारी ने सभी केंद्रों पर आशा कार्यकर्ता, पारा मेडिकल स्टाफ, टेक्नीशियन और डॉक्टरों की उपस्थिति का आकलन किया. यह सुनिश्चित किया गया कि सभी कर्मचारी अपने कर्तव्यों का सही तरीके से पालन कर रहे हैं. डॉक्टरों का रोस्टर भी जांचा गया, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि अस्पताल में सेवाएं चौबीस घंटे उपलब्ध हैं और मरीजों को इलाज में किसी भी प्रकार की देरी का सामना न करना पड़े.

दवा की उपलब्धता और वितरण

जिला पदाधिकारी ने सभी स्वास्थ्य केंद्रों में दवाओं की स्थिति का आकलन किया. उन्होंने कहा कि किसी भी अस्पताल या स्वास्थ्य केंद्र में दवा की कमी नहीं होनी चाहिए. इसके साथ ही, दवाओं के वितरण की प्रक्रिया की भी जांच की गई. यह सुनिश्चित किया गया कि सभी मरीजों को आवश्यक दवाएं समय पर मिल रही हैं और किसी भी प्रकार की अनियमितता नहीं हो रही है.

बेड, ऑक्सीजन और जांच सेवाओं की स्थिति

निरीक्षण के दौरान अस्पतालों में बेड और ऑक्सीजन की उपलब्धता की भी गहन जांच की गई. यह देखा गया कि अस्पताल में मरीजों के लिए पर्याप्त बेड उपलब्ध हैं या नहीं, और किसी भी मरीज को ऑक्सीजन की कमी का सामना नहीं करना पड़ रहा है. जिला पदाधिकारी ने निर्देश दिए कि भविष्य में किसी भी स्थिति में बेड और ऑक्सीजन की कमी न हो. इसके अलावा, पैथोलॉजी जांच, एक्स-रे, और अल्ट्रासाउंड सेवाओं की भी जांच की गई. इन सेवाओं की उपलब्धता और गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया गया, ताकि मरीजों को समय पर सही निदान मिल सके. जिला पदाधिकारी ने कहा कि जांच सेवाओं में किसी भी प्रकार की देरी या कमी मरीजों के इलाज में बाधा उत्पन्न कर सकती है, इसलिए इन सेवाओं को पूरी तरह सक्रिय रखा जाना चाहिए.

संस्थागत प्रसव और अन्य सेवाएं

निरीक्षण के दौरान संस्थागत प्रसव की स्थिति पर भी ध्यान दिया गया. यह देखा गया कि प्रसव के लिए आने वाली महिलाओं को सभी आवश्यक सेवाएं और सुविधाएं मिल रही हैं. साथ ही, संस्थागत प्रसव के बाद समय पर भुगतान की प्रक्रिया भी जांची गई. इसके अलावा, अस्पतालों में लॉन्ड्री संचालन की स्थिति और सुरक्षा गार्ड की उपस्थिति की भी जांच की गई, ताकि अस्पतालों में सुरक्षा और साफ-सफाई की स्थिति बेहतर रहे. अस्पतालों में भर्ती मरीजों के लिए आहार व्यवस्था की भी जांच की गई. जिला पदाधिकारी ने निर्देश दिए कि मरीजों को पौष्टिक आहार समय पर उपलब्ध कराया जाए. उन्होंने आहार की गुणवत्ता और नियमितता पर भी जोर दिया. साथ ही, अस्पतालों में बेडशीट की उपलब्धता और उनकी सफाई की भी जांच की गई. यह सुनिश्चित किया गया कि सभी मरीजों को साफ बेडशीट उपलब्ध कराई जा रही हैं और उन्हें स्वस्थ वातावरण प्रदान किया जा रहा है.

स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए सख्त निर्देश

जिला पदाधिकारी ने इस निरीक्षण के दौरान सभी स्वास्थ्य केंद्रों और अस्पतालों को सख्त निर्देश दिए कि वे अपनी सेवाओं में किसी भी प्रकार की कमी न आने दें. उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवाएं आम जनता के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं और इसमें किसी भी तरह की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने चेतावनी दी कि भविष्य में यदि किसी भी स्वास्थ्य केंद्र में लापरवाही पाई जाती है, तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी. जिला पदाधिकारी की सख्ती से यह संदेश दिया गया है कि स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में कोई समझौता नहीं किया जाएगा. प्रशासन की इस पहल से जिले में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति में उल्लेखनीय सुधार की उम्मीद की जा रही है. इस अभियान का उद्देश्य केवल निरीक्षण तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक व्यापक सुधार कार्यक्रम का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य आम जनता को उच्च स्तरीय स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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