लखीसराय. जिला मुख्यालय सदर अस्पताल के सभागार में बुधवार को जिले भर में चिन्हित कुल 20 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर सह उप स्वास्थ्य केंद्र के स्वास्थ्य कर्मियों को एनक्वास प्रमाणीकरण को लेकर प्रभारी सिविल सर्जन डॉ राकेश कुमार की अध्यक्षता में प्रशिक्षण सह कार्यशाला का आयोजन किया गया. जिला कार्यक्रम प्रबंधक सुधांशु नारायण लाल, जिला समन्वयक सुनील कुमार शर्मा के संचालन में आयोजित कार्यशाला में पिरामल के क्षेत्रीय हेड डॉ पवन सिंह एवं कुमारी सरिता द्वारा तकनीकी सहयोग प्रदान किया गया. प्रशिक्षक द्वारा एनक्यूएएस चेकलिस्ट पर विस्तार पूर्वक नये सिरे से जानकारी दी गयी. जिसमें राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (एनक्यूएएस) एक प्रमाणन कार्यक्रम है, जिसे स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने शुरू की थी. इसका मकसद बेहतर प्रदर्शन करने वाली सुविधाओं को पहचानना और सार्वजनिक अस्पतालों की विश्वसनीयता बढ़ाना है. एनक्यूएएस को सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं की जरूरतों को ध्यान में रखकर बनाया गया है. मूल्यांकन में खरा उतरने वाले अस्पतालों को भारत सरकार गुणवत्ता प्रमाण पत्र देती है. एनक्यूएएस के तहत, हर सुविधा का साल में कम से कम एक बार मूल्यांकन किया जाता है. अगर कोई सुविधा राज्य द्वारा प्रमाणित हो जाती है और लगातार अच्छे अंक हासिल करती है, तो वह राष्ट्रीय मूल्यांकन के लिए आवेदन कर सकती है. कार्यशाला के दौरान चेक लिस्ट में वर्णित इन्फेक्शन कंट्रोल, गुणवत्ता प्रबंधन, दस्तावेजीकरण, आउटकम, बायोमेडिकल वेस्ट प्रबंधन आदि पर चर्चा की गयी. कार्यशाला को संबोधित करते हुए डीपीओ ने अपने संबोधन में बताया कि 25 सितंबर तक चिन्हित 20 केंद्र का प्रमाणीकरण कराना है. जिसमे जिला से लेकर राज्य एवं राज्य के पश्चात भारत सरकार के टीम के द्वारा उक्त केंद्र का अससेसमेंट किया जायेगा. अंतिम रूप में 70 प्रतिशत या उससे अधिक स्कोर मार्क करने वाले स्वास्थ्य संस्थान को प्रमाण पत्र उपलब्ध कराया जायेगा. प्रभारी सिविल सर्जन द्वारा निदेशित किया गया कि दिये गये समय मे सर्टिफिकेशन करवाएं.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है