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क्षमा शब्द मानवीय जीवन की आधारशिला : मुनिश्री

दसलक्षण पर्व के दसवें दिन क्षमावाणी पर्व उत्साह के साथ मनाया गया. व्रतधारियों और रत्नत्रय करने वाले को समाज की ओर से मुनि श्री के सानिध्य में सुबह सम्मानित किया गया.

दसलक्षण पर्व के दसवें दिन क्षमा वाणी पर्व उत्साह के साथ मनाया

हजारीबाग.

दसलक्षण पर्व के दसवें दिन क्षमावाणी पर्व उत्साह के साथ मनाया गया. व्रतधारियों और रत्नत्रय करने वाले को समाज की ओर से मुनि श्री के सानिध्य में सुबह सम्मानित किया गया. दसलक्षण व्रतधारियों को मंगल कलश और प्रशस्ति पत्र देकर और रत्नत्रय तेला करने वाले को चांदी की माला पहनाकर सम्मानित किया गया. सभी व्रतधारियों को उनके परिवार और सगे संबंधियों द्वारा भी सम्मानित किया गया. व्रतधारियों का सम्मान सुबह आठ बजे से हुआ. व्रतधारियों का सामूहिक पारणा कराया गया. 16 कारण व्रतधारक दसलक्षण व्रतधारियों और रत्न त्रय तेला करने वालों में पवन कुमार पाटनी, विद्या देवी जैन, ललित अजमेरा, सुलोचना विनायका, सुनील विनायका, अनिता लुहाड़िया, नवीन लुहाड़िया, हर्षा अरोरा, राखी छाबड़ा, ईशा लुहाड़िया, सुशील लुहाड़िया, पिया काला, अन्नु छाबड़ा, सृष्टि अजमेरा, शोभा अजमेरा, विकास टोंग्या, अमर विनायका, सोनू विनायका, प्रवीण सेठी, बबीता पाटनी, रवि सेठी, सुबोध छाबड़ा, लता पांड्या, सोभना काला, अभिषेक काला, रोशनी विनायका, निकेश विनायका, सन्नी विनायका, रोहित विनायका, मंजू बाकलीवाल, मुकेश बाकलीवाल, संकेत चौधरी, अमित बोहरा, अंकित ठोल्या, ऋषभ काला, रश्मि अजमेरा, ममता सेठी, रिया अराेरा, भैया महेंद्र, पंडित मुन्नालाल शामिल थे. 34 श्रावकों ने रत्न त्रय (तीन दिवसीय उपवास व्रत) तेला के उपवास किया. इसमें मंजू छाबड़ा, शैली पाटनी, रिया पाटनी, राजेश सेठी, सीमा छाबड़ा, नेहा लुहाड़िया, स्वेता बडजात्या, आयुष विनायका, विकास गंगवाल, अलका पाटनी, अमीषा लुहाड़िया, जागृत बडजात्या, भावना छाबड़ा, दीप्ति पाटनी, अतिशय अजमेरा, हर्ष टोंग्या, संजना छाबड़ा, हर्ष छाबड़ा, शैलेश लुहाड़िया, अंशिका कासलीवाल, नवीन बडजात्या, नीरज अजमेरा, संजीव अजमेरा, पिंटू लुहाड़िया, मीना विनायका, ऋषभ सेठी, सृष्टि अजमेरा, नैतिका सेठी, संगीता छाबड़ा, कोडरमा, खुशबू पांड्या, अंजू पांड्या, ऋषभ काला (सभी कोडरमा), राजीव विनायका, आशु अजमेरा शामिल है. दोपहर तीन बजे श्रीजी का कलशाभिषेक और शांतिधारा कर विश्व शांति की कामना की. मुनि श्री का प्रवचन हुआ. मुनि श्री ने कहा कि यह पर्व अहंकार, कषाय, अभिमान को दूर करके जीवन में मधुरता घोल देता है. यह हमें अपने अहम को दूर रखकर धर्म के मार्ग पर चलते हुए सभी को क्षमा करने और सभी से माफी मांगने की सीख देता है. क्षमा शब्द मानवीय जीवन की आधारशिला है. मीडिया प्रभारी राजेश लुहाड़िया ने भी दस दिनों तक कार्यक्रम में हिस्सा लिया.

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