Madhubani News. बेनीपट्टी. प्रखंड के अधिकांश इलाके में मंगलवार को हर्षोल्लास व विधि विधान के साथ पूजा अर्चना कर अनंत चतुर्दशी का व्रत मनाया गया. धूप दीप व नैवेद्य के साथ वैदिक मंत्रोच्चार से पूजा अर्चना कर अनंत भगवान से मनोकामना की पूर्ति की कामना की गयी. बरहा, दामोदरपुर, बसैठ, उच्चैठ, जरैल, अरेर, बेहटा, बेनीपट्टी, गम्हरिया, त्योथ, विशनपुर, बररी, उड़ेन, मनपौन, दुर्गौली, तिसियाही, बसैठ, पाली, धकजरी, सरिसब व अरेर सहित सभी गांवों में अनंत चतुर्दशी के अवसर पर भगवान अनंत श्रीहरि विष्णु की पूजा अर्चना की गयी. अनंत सूत्र को पुरुष दाहिनी और स्त्री बायीं भुजा में बांध कर पर्व की पूर्णाहुति की. मिली जानकारी के अनुसार अनंत चतुर्दशी मनाये जाने का जिक्र महाभारत में मिलता है. मान्यता के अनुसार पांडव जब जुएं में अपना सारा राजपाट हार गये थे, तब उनको 12 वर्षों का वनवास और एक साल का अज्ञात वास मिला था. अपनी प्रतिज्ञा को पूरी करने के लिये इस दौरान पांडवों ने वन में निवास किया था. उस समय युधिष्ठिर ने भगवान श्री कृष्ण से अपना राजपाट वापस पाने और दुःख दूर करने का तरीका पूछा था तो भगवान श्री कृष्ण ने उन्हें बताया था कि जुआं खेलने की वजह से माता लक्ष्मी तुमसे रूठ गयी हैं. अगर तुम अपना राजपाठ वापस पाना चाहते हो तो तुम अनंत चतुर्दशी व्रत रखो और भगवान विष्णु की आराधना करो. तब तुम्हें सब कुछ वापस मिल जायेगा. इसके बाद भगवान श्री कृष्ण ने युधिष्ठिर को व्रत का महत्व बताते हुए एक कथा भी सुनायी जो आज भी पंडितों और आचार्यों द्वारा अनंत पूजन के दौरान कही जाती है. पूजनोत्सव के दौरान धूप, दीप, फल, फूल और मिष्ठान सहित अनंत सूत्र से सजी डाली से वातावरण शोभायमान सा दिख रहा था. बड़ी संख्या में मौजूद श्रद्धालुओं द्वारा लगाये गये भगवान अनंत के जयघोष से पूरा वातावरण आनंदमय बना रहा.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है