Darbhanga News: दरभंगा. जिला के विभिन्न जलाशयों में पूजा के बाद मूर्ति विसर्जन, पूजा सामग्री व धार्मिक प्रसाद फेंकने को लेकर जिला प्रशासन ने सख्त रुख आख्तियार लिया है. इसके अनुपालन को लेकर डीएम राजीव रौशन ने नगर आयुक्त, तीनों अनुमंडल पदाधिकारी, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी, जिला जनसम्पर्क पदाधिकारी, जिला शिक्षा पदाधिकारी, बीडियो, सीओ, नगर कार्यपालक पदाधिकारियों को निर्देश दिया है. विदित हो कि राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन, जल शक्ति मंत्रालय के द्वारा निर्देशों के अनुपालन के मद्देनजर जिला प्रशासन की ओर से कदम उठाये गये हैं.
ये चीजें प्रतिबंधित
मूर्तियों के निर्माण (विसर्जन के लिए) में सिंथेटिक सामग्री, गैर-बायोडिग्रेडेबल सामग्री, पीओपी, पकी हुई मिट्टी, रेजिन फाइबर और थर्माकोल आदि का उपयोग, मूर्तियों की पेंटिंग के लिए जहरीले और गैर-बायोडिग्रेडेबल रासायनिक रंगों, सिंथेटिक पेंट का उपयोग सख्ती से प्रतिबंधित किया गया है. वहीं नदी के किनारों और घाटों में मूर्तियों के किसी भी तरह के विसर्जन को रोकने के लिए नगर निगम प्रशासन के द्वारा बैरिकेडिंग की व्यवस्था की जाएगी.
मूर्ति विसर्जन के लिए अस्थायी तालाबों का होगा निर्माण
नदियों के किनारों निर्दिष्ट मूर्ति-विसर्जन स्थलों के लिए तल पर हटाने योग्य सिंथेटिक लाइनर के साथ अस्थायी तालाबों का निर्माण कराया जायेगा. वहीं फूल, माला और सजावट की सामग्री या अन्य वस्तुओं के संग्रह के लिए निर्दिष्ट मूर्ति-विसर्जन स्थलों पर पर्याप्त संख्या में कंटेनर उपलब्ध कराये जायेंगे. वहीं कचरा प्रबंधन के लिये पूजा पंडालों में डब्बा प्रदान किया जायेगा.
अनुपालन के लिए नियमित निगरानी की व्यवस्था
किसी भी पूजा सामग्री के विसर्जन को लेकर नदी के किनारे घाट विकसित किये जायेंगे. वहीं पूजा सहित विभिन्न धार्मिक समारोह के आयोजन को लेकर इन घाटों पर जरूरी व्यवस्थाएं की जायेगी. इसके अनुपालन को लेकर नियमित रूप से निगरानी की जायेगी. इस संबंध में जिला प्रशासन के अधिकारियों, नगर निकाय के अधिकारियों, पुलिस, गैर-सरकारी संगठनों आदि की एक समन्वय समिति स्थापित की जायेगी.
निर्देशों का अनुपालन नहीं करने पर देना होगा जुर्माना
त्योहारों के दौरान मूर्ति विसर्जन के संबंध में “क्या करें और क्या न करें, के संबंध में नगरपालिका क्षेत्र एवं पूजा पंडालों के निकट विभिन्न स्थानों पर पर्याप्त संख्या में होर्डिंग, बोर्ड व बैनर लगाए जायेंगे. दूसरी ओर किसी व्यक्ति के द्वारा विभागीय निर्देशों का उल्लंघन करने पर 50 हजार रुपये वसूल किये जायेंगे जिसे राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पास जमा करना होगा.
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