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डीवीसी ने छोड़ा पानी, उदयनारायणपुर व आमता के कई गांवों पर बाढ़ ने ढाया कहर

मंत्री की अध्यक्षता में जिला प्रशासन व पुलिस अधिकारियों की हुई बैठक, किया गया बाढ़ को नियंत्रित रखने के उपायों पर विचार-विमर्श

हावड़ा. हावड़ा के ग्रामीण इलाकों में बाढ़ की स्थिति बिगड़ती जा रही है. बुधवार को उदयनारायणपुर और आमता ब्लॉक के कई इलाके जलमग्न हो गये. सड़कें, तालाब, कृषि भूमि, यहां तक कि घर भी कमर भर पानी में डूब गये. बाजार और दुकानों में भी पानी घुस गया. इस बीच, बाढ़ की स्थिति से निबटने के लिए बुधवार को मंत्री पुलक राय ने आपात बैठक बुलायी. इसमें जिला प्रशासन, ग्रामीण जिला पुलिस और दोनों ब्लॉक प्रशासन के अधिकारी मौजूद रहे. बैठक में उदयनारायणपुर और आमता के विधायक समीर पांजा और सुकांत पाल भी मौजूद रहे. बताया जाता है कि डीवीसी द्वारा दुर्गापुर बैराज से मंगलवार रात तक दो लाख 41 हजार क्यूसेक पानी छोड़े जाने से उदयनारायणपुर और अमाता-2 ब्लॉक के बड़े इलाके में बाढ़ का खतरा पैदा हो गया है. राज्य व राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन दल को बुलाया गया : बैठक में इस बात पर सहमति बनी कि बाढ़ की स्थिति से निबटने के लिए ग्रामीण इलाके में 50 हजार से ज्यादा राहत शिविर खोले जायेंगे. सूखा खाद्य पदार्थ, शिशु आहार, पेयजल के पाउच, आवश्यक दवाएं और पशुओं के चारे का भंडारण शुरू कर दिया जायेगा. मंत्री पुलक राय ने कहा कि डीवीसी काफी पानी छोड़ रहा है, ऐसे में बाढ़ को रोकना आसान नहीं है. हालात से निबटने के लिए हर तरह की तैयारी की जा रही है. पीड़ितों को बचाने के लिए स्पीड बोट और नाव का इंतजाम किया गया है. जिला प्रशासन सूत्रों के मुताबिक राज्य और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन दल भी आ रहा है. गौरतलब है कि उदयनारायणपुर और आमता-2 ब्लॉक का अधिकांश क्षेत्र दामोदर के पश्चिमी किनारे पर पड़ते हैं. सिंचाई विभाग के एक इंजीनियर ने कहा कि अगर डीवीसी अत्यधिक पानी छोड़ता है, तो कुछ नहीं किया जा सकेगा. पहले अगर 80 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जाता था, तो भी बाढ़ आ जाती थी. प्रभावित हो सकते हैं उदयनाराणपुर के नौ पंचायत क्षेत्र : जिला प्रशासन को आशंका है कि उदयनारायणपुर की 11 में से नौ पंचायतें बाढ़ से प्रभावित हो सकती हैं. लगभग 50 राहत शिविर खोलने की योजना प्रशासन बना रहा है. प्रशासनिक अधिकारियों को आशंका है कि आमता-2 प्रखंड की 14 में से अधिकांश ग्राम पंचायतें बाढ़ की चपेट में आ सकती हैं. इन दोनों ब्लॉकों में आखिरी बार 2021 में बाढ़ आयी थी. पिछले साल भी डीवीसी ने पानी छोड़ा था, लेकिन यह डेढ़ लाख क्यूसेक के बीच थी, इसलिए बाढ़ नहीं आयी थी.

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