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अभिषेक की जूनियर डॉक्टरों से अपील लोगों की सेवा के लिए काम पर लौटें

आरजी कर मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में एक जूनियर महिला डॉक्टर से दुष्कर्म व हत्या की घटना को लेकर आंदोलन कर रहे जूनियर चिकित्सकों का धरना बुधवार अपराह्न भी जारी रहा.

कहा : पिछले 10 वर्षों में सीबीआइ ने अपनी एक जांच भी पूरी नहीं की, न्याय मिलने में देरी, इंसाफ नहीं मिलने के समान

संवाददाता, कोलकाताआरजी कर मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में एक जूनियर महिला डॉक्टर से दुष्कर्म व हत्या की घटना को लेकर आंदोलन कर रहे जूनियर चिकित्सकों का धरना बुधवार अपराह्न भी जारी रहा. इस बीच, सांसद व तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने धरना दे रहे चिकित्सकों से हड़ताल वापस लेने व काम पर लौटने की अपील की है. उन्होंने जूनियर महिला डॉक्टर से दुष्कर्म व हत्या मामले की सीबीआइ जांच की गति पर भी तंज कसा. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा कि सरकार ने हड़ताल करने वाले चिकित्सकों की मांगें मान ली है, इसलिए उन्हें हड़ताल वापस लेने पर विचार करना चाहिए. तृणमूल सांसद ने लिखा : पहले दिन से ही मैंने चिकित्सकों की सुरक्षा और संरक्षा से जुड़ी चिंताओं का समर्थन किया है. मैंने हमेशा यह माना है कि कुछ को छोड़ कर उनकी ज्यादातर चिंताएं वैध और न्यायोचित हैं. मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट के समक्ष पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा प्रस्तुत की गयी जानकारी के अनुसार, चिकित्सकों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए कई उपाय किये गये हैं. इन उपायों में पूरे राज्य के मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में सीसीटीवी कैमरे लगाना और बुनियादी ढांचागत विकास शामिल हैं. यह कार्य 14 दिनों के भीतर पूरा होने की उम्मीद है. इसके अलावा सरकार ने स्वास्थ्य विभाग और कोलकाता पुलिस के कुछ शीर्ष अधिकारियों के तबादले की मांगों को स्वीकार कर लिया है. इस बात की पुष्टि एक दिन पहले ही मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने मीडिया संबोधन में कर दी थी. अभिषेक बनर्जी ने चिकित्सकों से हड़ताल वापस लेने की अपील करते हुए कहा : चिकित्सकों को अब सद्भावना के तहत हड़ताल वापस लेने और लोगों की सेवा करने के लिए, राज्य सरकार के साथ मिलकर काम करने पर विचार करना चाहिए. साथ ही सरकार की ओर से किये जा रहे इन परिवर्तनों को तुरंत क्रियान्वयन करने के लिए टास्क फोर्स की पहल के कार्यान्वयन में तेजी लाने पर विचार करना चाहिए.

सीबीआइ जांच की गति पर कसा तंज

अभिषेक ने अपने पोस्ट में सीबीआइ की जांच पर भी सवाल उठाया. उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा : अंत में इतना ही कहूंगा कि सीबीआइ को जवाबदेह ठहराना और यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि कोई भी अपराधी बच नहीं पाये. उन्हें जल्द से जल्द सजा दी जाये. सीबीआइ का रिकॉर्ड खुद ही सब कुछ बताता है. पिछले 10 वर्षों में, उन्होंने अपनी एक भी जांच पूरी नहीं की है. न्याय में देरी इंसाफ नहीं मिलने के बराबर है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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