रांची. महिलाओं और बच्चों के प्रति अपराध गंभीर मामला है. जब तक समाज में महिलाओं के खिलाफ अपराध की घटनाएं कम नहीं होंगी, तब तक असुरक्षा की भावना महिलाओं व बच्चियों को डराती रहेंगी. भयमुक्त वातावरण बनाने की जरूरत है. यह बात एक्टिंग चीफ जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद और जस्टिस अरुण कुमार राय की खंडपीठ ने मौखिक रूप से कही. झारखंड हाइकोर्ट में बुधवार को राज्य में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ बढ़ते यौन उत्पीड़न के मामलों को लेकर दायर पीआइएल पर सुनवाई की गयी. इस दौरान गृह सचिव, नगर विकास सचिव, बाल व महिला कल्याण विभाग के सचिव, डीसी, एसएसपी व नगर निगम के प्रशासक सशरीर उपस्थित थे. सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने हो रही घटनाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया. खंडपीठ ने कहा कि राज्य सरकार को हर हाल में महिलाओं और नाबालिग बच्चों के साथ हो रही यौन उत्पीड़न की घटनाओं को रोकने के लिए पहल करनी होगी. पुलिस प्रशासन सख्त कार्रवाई कर घटनाओं पर रोक लगाये.
स्कूली बसों में महिला शिक्षक भी रहें
खंडपीठ ने कहा कि स्कूली बसों में महिला शिक्षक भी रहें, ताकि बच्चे सुरक्षित रहें. बस की कंडक्टर महिला हो, तो और भी अच्छा होगा. खंडपीठ ने राजधानी रांची में महिलाओं के गले से चेन छिनने की घटनाओं पर कहा कि रांची के एसएसपी इस पर नियंत्रण लगायें. नियंत्रण नहीं लगाना प्रशासन की विफलता मानी जायेगी. आये दिन मीडिया में महिलाओं के घर के सामने या बाजार में या सड़क चलते चेन छिनतई की घटना की खबर आती है. कभी-कभी आरोपी पकड़े जाते हैं, लेकिन इनके रैकेट को पकड़ना जरूरी है. अब डर से महिलाएं नकली जेवर पहनने लगी हैं. छिनतई करनेवाले नकली जेवर देखकर उनकी पिटाई करने लगते हैं. एसएसपी को रात में जगह-जगह पर औचक निरीक्षण करना चाहिए. यदि कोई मुसीबत में हो, तो हेल्पलाइन का नंबर हर समय उपलब्ध रहना चाहिए, ताकि वह तुरंत सुरक्षा मांग सके. रांची शहर में सभी जगहों पर सीसीटीवी कैमरा हो, ताकि आपराधिक घटनाओं पर नियंत्रण लग सके.
राज्य सरकार ने रखा सुझाव
इस दौरान राज्य सरकार की ओर से विभिन्न विभागों से बातचीत कर कोर्ट को सुझाव दिया गया. इस पर खंडपीठ ने राज्य सरकार को शपथ पत्र के माध्यम से सुझाव प्रस्तुत करने का निर्देश दिया. अगली सुनवाई के लिए खंडपीठ ने 30 सितंबर की तिथि निर्धारित की. इससे पूर्व राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता सचिन कुमार ने खंडपीठ को बताया कि महिलाओं व नाबालिग बच्चों के खिलाफ यौन उत्पीड़न को नियंत्रित करने के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) बनाया जायेगा. सिर्फ रांची ही नहीं, बल्कि राज्य के सभी जिलों में महिलाएं और नाबालिग बच्चे सुरक्षित रहें, इसे लेकर राज्य सरकार गंभीर है. सरकार कारगर योजना बनायेगी. उन्होंने कोर्ट के समक्ष सुझाव भी दिया, जिसे शपथ पत्र में देने को कहा गया. ज्ञात हो कि प्रार्थी भारती कुमारी ने पीआइएल दायर की है. उन्होंने महिलाओं और बच्चों के यौन उत्पीड़न को रोकने की मांग की है.
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