वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन चलातीं ऋतिका तिर्की.
DHANBAD NEWS: ऋतिका तिर्की ने कहा कि वह वंदे भारत ट्रेन को चलाकर स्वयं को गौरवान्वित महसूस कर रही हैं. यह ट्रेन देश में एवं भारतीय रेल में महिला सशक्तीकरण का प्रतीक बनकर उभरी है.DHANBAD NEWS: देशभर में महिला सशक्तीकरण को लेकर चल रहे महाअभियान में भारतीय रेल भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 सितंबर को झारखंड में छह नये वंदे भारत ट्रेनों का उद्घाटन किया था. इनमें से एक टाटानगर-पटना वंदे भारत एक्सप्रेस में सहायक लोको पायलट ऋतिका तिर्की है. उसे स्वदेश में निर्मित इस अत्याधुनिक ट्रेन को चलाने का अवसर मिला है. ऋतिका तिर्की ने अपने करियर की शुरुआत धनबाद रेल मंडल से की थी. वर्ष 2019 में भारतीय रेल के धनबाद डिवीजन में असिस्टेंट लोको पायलट के रूप में उसने अपनी नौकरी शुरू की थी. आज वह टाटानगर-पटना वंदे भारत चला रही है.क्या कहती हैं ऋतिका तिर्की
सहायक लोको पायलट से शुरू की थी नौकरी
ऋतिका तिर्की ने कहा कि वह वंदे भारत ट्रेन को चलाकर स्वयं को गौरवान्वित महसूस कर रही हैं. एक तरह से वंदे भारत ट्रेन देश में एवं भारतीय रेल में महिला सशक्तीकरण का प्रतीक बनकर उभरी हैं. ऋतिका झारखंड के एक साधारण परिवार से है. वह कुल चार भाई-बहन हैं. उनकी स्कूली शिक्षा रांची में हुई है. 12वीं के बाद उन्होंने बीआइटी मेसरा रांची से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक किया. उसके बाद वर्ष 2019 में भारतीय रेल के धनबाद डिवीजन में असिस्टेंट लोको पायलट के रूप में नौकरी शुरू की थी. रेलवे में उनकी पहली पोस्टिंग चंद्रपुरा, बोकारो में हुई थी. वर्ष 2021 में ऋतिका का ट्रांसफर टाटानगर हो गया. 2024 में उन्हें सीनियर असिस्टेंट लोको पायलट के पद पर प्रोन्नत किया गया.शुरुआत में लगता था डर
ऋतिका ने बताया कि जब उन्होंने सहायक लोको पायलट के रूप में नौकरी शुरू की थी, तब थोड़ा डर लगता था कि ट्रेन चला पाउंगी या नहीं. धीरे-धीरे यह डर समाप्त होता गया. अब ट्रेन चलाने में बहुत अच्छा लगता है. ऋतिका यात्री ट्रेन और मालगाड़ी दोनों ही चलाती हैं. ऋतिका ने बताया कि यह वंदे भारत ट्रेन अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है. यह बाकी ट्रेनों से बहुत अलग है. इस ट्रेन के हर कोच में सीसीटीवी कैमरा और फायर अलार्म लगा है. यात्रियों के लिए पायलट से बात करने के लिए आपातकालीन टॉक-बैक की सुविधा भी मौजूद है.ट्रेन में है सभी सुविधाएं
ऋतिका के मुताबिक वंदे भारत के केबिन में जो भी सिस्टम लगा है, वह पूरी तरह से ऑटोमैटिक है. इसमें सिग्नल देने के लिए झंडी की जरूरत नहीं पड़ती है, बल्कि लाल और हरे बटन को दबाकर सिग्नल दिया जा सकता है. ट्रेन के केबिन में पायलट के लिए एसी, आरामदायक सीट एवं टॉयलेट जैसी सभी आवश्यक सुविधाएं हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है