सीवान. सीवान-थावे रेलखंड पर कचहरी स्टेशन से थोड़ी ही दूरी पर दाहा नदी के ऊपर बना रेल पुल हादसों के लिए जाना जाता है. बावजूद इस रेलपुल से आसपास के हजारों लोग रोजाना आना-जाना करते हैं. इनके लिए यह पुल सड़क मार्ग की तरह है. इस ट्रैक पर से स्कूली छात्र अपनी साइकिल को लेकर आते हैं, तो दूध वाले दूध, सब्जी विक्रेता सब्जी. हजाराें लोग इसी पुल के रास्ते शहर के मुहल्लों में आते-जाते हैं. यह लोगों के लिए शॉर्ट रास्ता है. इसी शॉर्टकट के कारण 2 फरवरी, 2018 को बड़ा रेल हादसा हुआ था, जिसमें गोपालगंज के एक बच्चे सहित चार लोगों की कटकर मौत हो गयी थी. चारों मृतक नवलपुर स्थित करबला मजार से गोपालगंज जाने के लिए कचहरी स्टेशन जा रहे थे. तभी सीवान जंक्शन की ओर से सवारी गाड़ी आ गई. ट्रेन को देख कुछ लोग पुल से नीचे कूद गए तो कुछ उसकी चपेट में आ गए. लेकिन घटना के बाद भी लोग अपनी जान जोखिम में डाल ट्रैक को पार करते हैं, जिससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है. दो पुलिस कर्मियों की हुई थी तैनाती घटना के बाद रेलवे पुल के दोनों तरफ जिला प्रशासन व रेल पुलिस प्रशासन के संयुक्त सौजन्य से दो पुलिसकर्मियों की तैनाती कर दी गई थी, ताकि ट्रैक से कोई न आ-जा सके. यह कुछ दिन तक चला. दोनों तरफ जवान अपनी ड्यूटी निभाते थे. लेकिन, समय के साथ यहां से सुरक्षा में तैनात जवानों को भी अधिकारियों ने हटा दिया. कचहरी स्टेशन के प्लेटफॉर्म पर बना गड्ढा सीवान कचहरी स्टेशन के प्लेटफॉर्म पर गड्ढा बन गया है. इससे वहां पर कभी भी हादसा हो सकता है. ट्रेन पर सवार होने व उतरने के दौरान यात्रियों का पैर अचानक गड्ढा में पड़ने की आशंका बढ़ गयी है. यह गड्ढा एक स्थान पर नहीं, बल्कि कई स्थानों पर बने हैं. कई जगह फर्श भी टूट गया है. दूसरी साइड में प्लेटफॉर्म पर जाने वाला रास्ता भी क्षतिग्रस्त हो गया है. फिर भी इसकी मरम्मत नहीं कराई जा रही है. इससे काफी परेशानी बढ़ गयी है. लोगों को किया जाता है जागरूक समय-समय पर लोगों को जागरूक किया जाता हैं. जांच भी होती है. अभी उस जगह पर जवान तैनात नहीं हैं. -राजेश कुमार सिन्हा, आरपीएफ इंस्पेक्टर, सीवान जंक्शन
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