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siwan news. स्कूल वाहनों के आगे-पीछे लगाने होंगे सीसीटीवी कैमरे

स्कूल प्रबंधकों को परिवहन विभाग दे रहा नोटिस, आदेश नहीं मानने पर वाहनों का परमिट रद्द करने की होगी अनुशंसा

गुठनी. परिवहन विभाग स्कूल प्रबंधकों को स्कूल वाहन के आगे और पीछे सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए नोटिस भेज रहा है. कैमरे को अनिवार्य कर दिया गया है. नियमों का पालन नहीं करने पर वाहनों का परमिट रद्द करने की अनुशंसा की जाएगी. जिला परिवहन पदाधिकारी राजीव कुमार रंजन ने बताया कि बच्चों की सुरक्षा स्कूल प्रबंधकों की जिम्मेवारी है. वाहन परिचालन के क्रम में बच्चों की सुरक्षा हर हाल में होनी चाहिए. नियमों का पालन किये जाने का आदेश सभी स्कूल संचालकों को पहले भी दिया जा चुका है. ऐसा नहीं करने वाले स्कूली वाहनों को जब्त कर परमिट रद्द करने की कार्रवाई की जायेगी. रखना होगा 60 दिनों का फुटेज स्कूल प्रबंधन की जिम्मेवारी होगी कि सीसीटीवी फुटेज 60 दिनों तक सुरक्षित रखें. बच्चों को स्कूल लाने और ले जाने वाले व्यावसायिक वाहन, टेम्पो, इ-रिक्शा आदि वाहनों का परिचालन नियम के अनुसार करना होगा. वाहन के आगे व पीछे स्पष्ट अक्षरों में स्कूल वैन ऑन ड्यूटी लिखना होगा. अधिकतम 40 की रखनी है गति स्कूली वाहनों की बॉडी सुनहरे पीले रंग की होगी. स्कूल बसों में सीसीटीवी कैमरे के साथ स्पीड गवर्नर भी लगाना अनिवार्य होगा. वाहन की गति अधिकतम 40 किमी प्रति घंटा होगी. सभी वाहनों में प्राथमिक चिकित्सा बॉक्स, अग्निशामक यंत्र भी रखना होगा. वीएलटीडी और पैनिक बटन लगाने होंगे. रेट्रोरिफ्लेक्टिव टेप के अलावा हर स्कूल बस को जीपीएस से युक्त रखना होगा. वाहन से संबंधित कागज रखना होगा. मार्ग और समय सारणी बस के अंदर नक्शे पर प्रदर्शित करनी होगी. व्यावसायिक वाहन के रूप में होगा पंजीकरण स्कूल बसों व अन्य वाहनों का पंजीकरण व्यावसायिक यात्री वाहन के रूप में होगा. स्कूल बस से भिन्न अन्य व्यावसायिक छोटे वाहन, जिनका उपयोग स्कूली बच्चों को ले जाने के लिए नियमित रूप से किया जा रहा है. ऐसे वाहनों पर भी स्कूल वैन लिखना अनिवार्य है. प्रत्येक स्कूल में बाल परिवहन समिति का गठन होना चाहिए. स्कूली बसों व अन्य वाहनों का पंजीकरण व्यावसायिक यात्री वाहन के रूप में होगा. स्कूल बस से भिन्न अन्य व्यावसायिक छोटे वाहन, जिनका उपयोग स्कूली बच्चों को ले जाने के लिए नियमित रूप से किया जा रहा है. ऐसे वाहनों पर भी स्कूल वैन लिखना अनिवार्य है. प्रत्येक स्कूल में बाल परिवहन समिति का गठन होना चाहिए.

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