23.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

siwan news. हेपेटाइटिस संक्रमित के प्रसव के 24 घंटे में ही अन्य गर्भवतियों का कक्ष में कराया प्रसव

हुसैनगंज स्वास्थ्य केंद्र का मामला, शिकायत के बाद कर्मियों में खलबली, भारत सरकार के निर्देश पर सामान्य प्रशासन विभाग ने शुरू की जांच

सीवान . हेपेटाइटीस-बी संक्रमण के खतरे को लेकर जारी गाइडलाइन के उल्लंघन का एक मामला प्रशासन तक पहुंच गया है. यह मामला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, हुसैनगंज से जुड़ा है, जहां हेपेटाइटिस बी संक्रमित महिला का प्रसव कराने के बाद कक्ष को संक्रमण मुक्त करने की प्रक्रिया पूरी नहीं की गयी. चौबीस घंटे तक संक्रमण के खतरे को दरकिनार करते हुए स्वास्थ्यकर्मियों ने अन्य गर्भवतियों को भी यहां भर्ती किया गया. मामले में संज्ञान लेते हुए केंद्र सरकार ने बिहार सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग को जांच का आदेश दिया है. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, हुसैनगंज में 25 अगस्त को एक गर्भवती का सुरक्षित प्रसव कराया गया. प्रसव के पूर्व जांच में यह बात सामने आयी कि वह हेपेटाइटिस-बी संक्रमित है. लिहाजा तय गाइडलाइन के मुताबिक पूरी तरह संक्रमण मुक्त करने के लिये आवश्यक तरीकों को अपनाने के बाद प्रसव कक्ष को चौबीस घंटे तक के लिए बंद कर देना चाहिए था. लेकिन यहां ऐसा नहीं किया गया. इसी गाइडलाइन के उल्लंघन की शिकायत की गयी है. आरटीआइ कार्यकर्ता की शिकायत पर शुरू हुई जांच आरटीआइ कार्यकर्ता प्रफुल्ल रंजन ने इस मामले में सूचना के अधिकार के तहत प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी से दो जानकारी मांगी है, जिनमें हेपेटाइटिस-बी पीड़िता के प्रसव के बाद अब तक उस कक्ष में कितनी डिलिवरी हुई है और पीड़िता के प्रसव के बाद कक्ष को संक्रमण मुक्त करने की प्रक्रिया पूर्ण की गयी की नहीं शामिल है. प्रफुल्ल रंजन का कहना है कि इस मामले की हमने भारत सरकार के प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत विभाग पीजी पोर्टल पर शिकायत की थी, जिसके बाद बिहार सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग को जांच के लिए भेजा गया है. जांच प्रक्रिया शुरू होने के बाद से स्वास्थ्यकर्मियों में हड़कंप है. दूसरे बेड पर हुआ गर्भवतियों का इलाज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हुसैनगंज के प्रभारी चिकित्साधिकारी कन्हैया चौधरी ने कहा कि हेपेटाइटिस बी संक्रमित मरीज का प्रसव कराया गया था. इसके बाद कक्ष की सफाई कर अन्य प्रसूताओं का भी प्रसव हुआ, पर उक्त संक्रमित मरीज के बेड का इस दौरान प्रयोग नहीं किया गया. कक्ष में मौजूद एक अतिरिक्त बेड पर अन्य मरीजों का चिकित्सकीय कार्य किया गया.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें