संवाददाता, देवघर. देवघर में बाबा नगरी के प्राचीन अढ़इया मेले की शुरुआत हो चुकी है. पहले दिन कांवरियों की संख्या अपेक्षाकृत कम रही, लेकिन शुक्रवार से भीड़ में तेजी आने की उम्मीद है. स्थानीय लोगों के अनुसार, इस मेले का प्रभाव सोमवार तक बना रहेगा. बिहार के भागलपुर, कटिहार, मुंगेर, जमुई, पटना, गया सहित अन्य जिलों से बड़ी संख्या में कांवरियों के पहुंचने की संभावना है. पहले दिन केवल 375 कांवरियों ने कूपन लेकर बाबा बैद्यनाथ का जलार्पण किया, जबकि लगभग 30 हजार कांवरियों ने स्पर्श पूजा का लाभ उठाया. दिनभर कांवरियों को मानसरोवर ओवर ब्रिज से मंदिर के गर्भगृह तक भेजने की व्यवस्था सुचारु रूप से चलती रही. पुरोहित कैलाश बाबा ने कहा कि यह मेला भादो पूर्णिमा के अवसर पर शुरू होता है, जब कांवरिये सुल्तानगंज से जल भरकर पारंपरिक वेशभूषा और बाजा के साथ नाचते-गाते बाबा नगरी पहुंचते हैं. ये कांवरिये विशेष रूप से किसान वर्ग से होते हैं और ढाई दिन के भीतर बाबा बैद्यनाथ और बासुकिनाथ का जलार्पण करते हैं. बाबा से अच्छी फसल की कामना के साथ ये किसान मेला समाप्त होते ही अपने घर लौटते हैं. अढ़इया मेला बाबा नगरी की एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर है, जिसका महत्व पीढ़ियों से बरकरार है.
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