एनजीटी की रोक को लेकर रमकंडा प्रशासन बालू के अवैध कारोबार को लेकर सख्त है. पर रमकंडा क्षेत्र में नयी तरकीब के जरिये हाठु व भंडरिया के जोन्हीखांड़ नदी से रमकंडा में अवैध बालू पहुंच रहा है. दरअसल बालू तस्करी के लिए ट्रैक्टर में पहले ट्रॉली के 75 प्रतिशत हिस्से को बालू से भर दिया जाता है. उसके बाद बालू के ऊपर तिरपाल बिछाकर ट्राली पर कुछ ग्रामीणों को बैठा दिया जाता है. ताकि किसी को भी यह शक न हो कि ट्रॉली में बालू की ढुलाई हो रही है. ऐसा करने से ट्रैक्टर देखने वाले लोगों को यही लगता है कि ट्राली में कोई अन्य सामान लदा हुआ है. गौरतलब है कि इस क्षेत्र के दूर-दराज के लोग ट्रैक्टर की ट्रॉली में बैठकर आवागमन करते रहते हैं. तो हाठु नदी से उत्खनन कर इसी अंदाज में बालू की ढुलाई कर जमा किये गये बालू का अवैध कारोबार रमकंडा में सावधानीपूर्वक चल रहा है. इसके अलावे जोन्हीखांड़ नदी से भी रोदो के रास्ते रात में अवैध बालू रमकंडा पहुंच रहा है.
वन समिति ने भी उत्खनन पर लगायी है रोक
मिली जानकारी के अनुसार रमकंडा प्रखंड क्षेत्र के गोबरदाहा जंगल से निकलने वाली बघमरिया, बलिगढ़ की पपरा व तेतरडीह की नदियों से ग्रामीणों ने बालू के अवैध उत्खनन पर रोक लगा रखी है. करीब एक माह पहले ही वन समितियों ने नदी के सभी रास्तों को अवरुद्ध कर रखा है. वहीं बालू माफियाओं को सख्त चेतावनी भी दी गयी है. वहीं इन क्षेत्रों की नदियों से बालू उत्खनन में पकड़े जाने पर वन विभाग के जरिये कार्रवाई कराने की बात कही है. वन समितियों की सख्ती के बाद इन नदियों से अवैध बालू का उत्खनन बंद है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है