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HAJIPUR NEWS : कालाजार की पहचान और जांच में अहम भूमिका निभायेंगी आशा

HAJIPUR NEWS : जिले में कालाजार उन्मूलन को लेकर आशा कर्मियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. सदर अस्पताल के प्रशासनिक भवन में गुरुवार को प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत हुई. सिविल सर्जन डॉ श्यामनंदन प्रसाद एवं जिला वेक्टर बॉर्न डिजिज कंट्रोल पदाधिकारी डॉ गुड़िया कुमारी ने संयुक्त रूप से कार्यक्रम का उद्घाटन किया.

हाजीपुर. जिले में कालाजार उन्मूलन को लेकर आशा कर्मियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. सदर अस्पताल के प्रशासनिक भवन में गुरुवार को प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत हुई. सिविल सर्जन डॉ श्यामनंदन प्रसाद एवं जिला वेक्टर बॉर्न डिजिज कंट्रोल पदाधिकारी डॉ गुड़िया कुमारी ने संयुक्त रूप से कार्यक्रम का उद्घाटन किया. कालाजार नियंत्रण के लिए सर्विलांस को सशक्त करने के उद्देश्य से जिले के सभी प्रखंडों के कालाजार प्रभावित क्षेत्रों के कुल आठ सौ आशा कर्मियों को 30-30 के बैच में प्रशिक्षण दिया जाना है. गुरुवार को वेक्टर जनित रोगों का प्रशिक्षण वीबीडीसी धीरेंद्र कुमार, वीडीसीओ राजीव कुमार तथा जिला पिरामल लीड पीयूष ने दिया. प्रशिक्षण में कालाजार के लक्षण, संभावित पीकेडीएल की पहचान, जांच, उपचार तथा बचाव के लिए घर-घर दवा का छिड़काव आदि के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए डीवीबीडीसीओ डॉ गुड़िया ने बताया कि जिले में हमने कालाजार उन्मूलन के लक्ष्य को प्राप्त कर लिया और हम शून्य कालाजार की ओर बढ़ रहे हैं. ऐसे में हमारे ऊपर जवाबदेही है कि कोई भी व्यक्ति, जिसे 10 दिन से अधिक समय से बुखार है, उस पर नजर रखी जाये. यदि सामान्य उपचार, एंटीबायोटिक या मलेरियारोधी दवाओं से बुखार ठीक नहीं हो रहा हो तो शीघ्र उनकी कालाजार की जांच करायी जाये. धनात्मक रिपोर्ट आने पर शीघ्र ही एकल खुराक एंबीजोम से इलाज कराया जाना चाहिए. इसमें आशा की अहम भूमिका होगी. जिन मरीजों का दो वर्ष पहले या पूर्व में भी कालाजार का इलाज हुआ है, वैसे मरीजों में पीकेडीएल की पहचान के बारे में भी बताया गया. प्रशिक्षण में आशा कर्मियों को कालाजार के अलावे डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया, फाइलेरिया तथा मस्तिष्क ज्वर के बारे में भी जानकारी दी गयी. मौके पर वीडीसीओ अंकित, अमित और कृष्णदेव सहित अन्य स्वास्थ्यकर्मी उपस्थित थे.

रोगी को सरकार से मिलती है आर्थिक सहायता :

जिला वीबीडीसीओ डॉ गुड़िया कुमारी ने बताया कि कालाजार से पीड़ित रोगी को मुख्यमंत्री कालाजार राहत योजना के तहत श्रम क्षतिपूर्ति के रूप में आर्थिक सहायता दी जाती है. रोगी को 6600 रुपये राज्य सरकार की ओर से और पांच सौ रुपये केंद्र सरकार की ओर से दिये जाते हैं. यह राशि वीएल (ब्लड रिलेटेड) कालाजार में रोगी को दी जाती है. वहीं चमड़ी से जुड़े कालाजार (पीकेडीएल) में चार हजार रुपये की राशि केंद्र सरकार की ओर से दी जाती है.

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