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Giridih News: कर्मचारियों के हड़ताल पर रहने से चार दिनों से बंद है मधुबन ग्रामीण जलापूर्ति योजना

Giridih News: मधुबन के स्थानीय लोगों ने कहा कि संचालन समिति की लापरवाही के कारण आये दिन जलापूर्ति बाधित रहती है. ग्रामीणों को भारी समस्या का सामना करना पड़ रहा है. विभाग को संज्ञान लेना चाहिए. बराकर इंटेक वेल के कर्मचारी दिनेश रजवार ने बताया कि इसी के भरोसे पूरा परिवार है.

मधुबन व चिरकी वासियों की प्यास बुझाने वाली मधुबन ग्रामीण जलापूर्ति योजना के करीब आधा दर्जन कर्मचारी वेतन भुगतान नहीं होने के कारण हड़ताल पर हैं. इसके कारण विगत चार दिनों से यहां पानी सप्लाई ठप है. जलापूर्ति बंद होने से चिरकी से लेकर मधुबन तक पानी के लिए लोग तरस रहे हैं. कनीय अभियंता श्याम कुमार ने बताया कि कर्मचारियों के बकाए वेतन का भुगतान एक दो दिन में होते ही सप्लाई शुरू हो जायेगी.

बताया जाता है कि मधुबन से चिरकी तक शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के उद्देश्य से ग्रामीण जलापूर्ति योजना के तहत बराकर नदी का पानी आपूर्ति शुरू की गयी थी. बराकर नदी का पानी पाइपलाइन के जरिये मधुबन लाकर और इसे फिल्टर कर आपूर्ति की जा रही थी. शुरुआती दौर में दिन में दो बार जलापूर्ति चालू की गयी. इसके बाद इसे घटाकर एक वक्त ही पानी दिया जाने लगा. बीते दो वर्षों से लगातार जलापूर्ति योजना समस्या से घिरा रहा है. कभी तकनीकी खराबी तो कभी नदी में पानी का अभाव पर अब कर्मचारियों के वेतन से जुड़ी समस्या खड़ी है.

राशि वसूली में लापरवाही के चलते परेशानी

योजना से जुड़े कर्मचारियों को लंबे वक्त से वेतन भुगतान नहीं होने के कारण अब कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. बता दें कि जलापूर्ति योजना के संचालन के लिए ग्राम जल स्वच्छता समिति के तहत संचालन समिति गठित की गयी है. योजना संचालन के लिए अथवा रख-रखाव के लिए संस्थाओं से लेकर उपभोक्ता से राशि की वसूली की जाती है. आरोप है कि राशि वसूली का काम पंचायत के जल सहिया के पास होने के कारण न तो वसूली का काम सही ढंग से हो पाता है और न ही सुलभ जलापूर्ति हो पाती है. विगत कुछ महीनों से पूरे संचालन समिति में आरोप प्रत्यारोप चलता रहता है. कर्मचारियों की माने तो बीते बीस महीने से वेतन भुगतान नहीं होने से परिवार के भरण पोषण में परेशानी हो रही है. हर बार केवल आश्वासन दिया जाता है. तंग आकर हड़ताल में जाने का निर्णय लिया गया है.

चिरकी से लेकर मधुबन तक पानी की किल्लत

इधर मधुबन के आसपास जलमीनार लंबे समय से खराब रहने के कारण लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इक्के दुक्के चापाकल के भरोसे लोगों की प्यास बुझ रही है. बहरहाल कारण जो भी हो जलापूर्ति बंद होने से चिरकी से लेकर मधुबन तक पानी की किल्लत बढ़ गयी है. मधुबन के स्थानीय लोगों ने कहा कि संचालन समिति की लापरवाही के कारण आये दिन जलापूर्ति बाधित रहती है. ग्रामीणों को भारी समस्या का सामना करना पड़ रहा है.विभाग को संज्ञान लेना चाहिए. बराकर इंटेक वेल के कर्मचारी दिनेश रजवार ने बताया कि इसी के भरोसे पूरा परिवार है. ऐसे में समय पर वेतन नहीं मिलने से परिवार का भरण पोषण एवं बच्चों की पढ़ाई कैसे होगी. प्रदीप दास ने बताया कि हमलोगों के द्वारा पूर्व में आपूर्ति बंद की गई थी, लेकिन कनीय अभियंता एवं मुखिया के आश्वासन के बाद जलापूर्ति शुरू कर दी गयी थी. लेकिन कोई ठोस पहल नहीं होने के बाद पुनः आपूर्ति बंद की गयी है.

एक-दो दिन में शुरू हो जाएगी जलापूर्ति : कनीय अभियंता

कनीय अभियंता श्याम कुमार ने बताया कि कर्मचारियों के बकाए वेतन का भुगतान एक दो दिन में कराते हुए जल्द जलापूर्ति शुरू की जाएगी.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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