Bihar IAS Sanjeev Hans बिहार कैडर के आइएएस अधिकारी संजीव हंस और पूर्व विधायक गुलाब यादव के विरुद्ध बिहार पुलिस की विशेष निगरानी इकाई (एसवीयू) में दर्ज एफआइआर मामले में उनको नोटिस देकर पूछताछ हो सकती है. इसको लेकर विशेष निगरानी इकाई तैयारी में जुटी है. पूछताछ में प्रवर्तन निदेशालय की छापेमारी में उनके व परिजनों के नाम पर मिली संपत्तियां और वित्तीय लेन-देन को लेकर उनसे सवाल-जवाब हो सकता है.
कई शहरों में प्रॉपर्टी के मिले सबूत
आइएएस संजीव हंस, पूर्व विधायक गुलाब यादव सहित 14 लोगों के खिलाफ केस दर्ज करने के बाद विशेष निगरानी इकाई ने इसी हफ्ते से जांच शुरू की है. शुरुआती जांच में केंद्रीय एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (इडी) की जांच रिपोर्ट को ही आधार बनाते हुए कार्रवाई की जा रही है. इडी ने पटना सहित झंझारपुर, पुणे, दिल्ली, कोलकाता, पंजाब, गुड़गांव सहित कई शहरों में छापेमारी कर आइएएस संजीव हंस और पूर्व विधायक गुलाब यादव सहित उनके परिजनों के नाम पर संपत्ति की जानकारी जुटाई थी.
अब एसवीयू इन संपत्तियों का सत्यापन करेगी. साथ ही नोटिस भेज कर आरोपियों को एसवीयू कार्यालय बुलाया जायेगा, जहां पर उनसे संपत्तियों को लेकर सवाल पूछे जायेंगे. जांच में सहयोग नहीं करने पर उनके विरुद्ध कार्रवाई भी हो सकती है. एसवीयू की कोशिश होगी जल्द से जल्द इस मामले में आरोप पत्र दाखिल किया जा सके.
बिजली कंपनी-जल संसाधन के पुराने मामलों की भी होगी जांच
आइएएस अधिकारी संजीव हंस लंबे समय तक ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव और बिजली कंपनियों के सीएमडी रहे. इससे पहले वे जल संसाधन विभाग में भी सचिव रहे. इडी की छापेमारी में बरामद कई संपत्तियों और वित्तीय लेन-देन के तार उस काल से भी जुड़ रहे हैं.
इसको देखते हुए एसवीयू की टीम बिजली कंपनी और जल संसाधन विभाग के दफ्तरों में संबंधित काल के दस्तावेजों की जांच भी कर सकती है. संजीव हंस पर आरोप है कि बिजली कंपनी के सीएमडी रहते उन्होंने कई वेंडरों को सिफारिश पर ठेके दिए, जिससे उनको आर्थिक लाभ हुआ. फिलहाल इन आरोपों की जांच चल रही है.