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गाड़ी के कागजात दुरुस्त नहीं है तो टोल गेट पर ऑटोमेटिक कट जायेगा चालान

Jehanabad news गर वाहन के सभी कागजात दुरुस्त नहीं है और अब तक वाहन मालिक परिवहन विभाग की फाइन से बचते आ रहे हैं तो अब वह ऐसा नहीं कर सकेंगे

जहानाबाद.

अगर वाहन के सभी कागजात दुरुस्त नहीं है और अब तक वाहन मालिक परिवहन विभाग की फाइन से बचते आ रहे हैं तो अब वह ऐसा नहीं कर सकेंगे, क्योंकि परिवहन विभाग के द्वारा राज्य के सभी टोल गेट पर ऑटो डिटेक्शन प्रणाली लगायी जा रही है जिससे टोल टैक्स गेट से गुजरने वाले सभी वाहनों का ऑटोमेटिक रूप से पूरा लेखा जोखा का आकलन कर किसी मामले में डिफॉल्ट होने पर उसका ई चालान काटा जा सकेगा. अब तक वाहन मालिक वाहनों की परमिट, रोड टैक्स, इंश्योरेंस, प्रदूषण, फिटनेस में से किसी एक या कई कागजात के फेल होने पर भी आराम से सड़कों पर गाड़ियां दौड़ाते रहते हैं. ऐसी गाड़ियां ज्यादातर रात के अंधेरे में चलाई जाती है जिससे सड़कों पर परिवहन विभाग के अधिकारी नहीं मिलते और ऐसे वाहन का चालान भी नहीं कट पाता है जिसके कारण ऐसे वाहन बगैर सरकार को टैक्स दिए और कई मामलों में डिफाल्टर होने के बावजूद मजे से सड़कों पर गाड़ियां चलाते रहते हैं जिसके कारण परिवहन विभाग को राजस्व का भारी नुकसान होता है. अब किसी मामले में डिफॉल्ट होने के बाद गाड़ियां सड़कों पर नहीं चल सकेंगी. अगर ऐसी गाड़ियां चलाई जाएंगी तो किसी भी टोल टैक्स गेट में घुसते ही इन गाड़ियों का ऑटोमेटेकली ई-चालान कट जाएगा जिसकी सूचना संबंधित वाहन मालिक के मोबाइल पर चली जाएगी.

ऐसे काम करेगा इ-डिटेक्शन प्रणाली :

किसी टोल टैक्स गेट से गुजरते वक्त वहां के फास्टैग को ए डिटेक्शन प्रणाली भी पढ़ेगा. इसके बाद यह प्रणाली वहां की तस्वीर के साथ वाहन नंबर से उसका पूरा डाटा एकत्र करेगा. अब प्रणाली के द्वारा एकत्र किए गए डाटा को एनआइसी के वाहन पोर्टल के डेटा से मिलान किया जायेगा. इसके बाद वाहन का कौन सा कागजात फेल है यह पता चल जाएगा. किसी के फिटनेस, पॉल्यूशन सर्टिफिकेट, परमिट, टैक्स टोकन, इंश्योरेंस सहित कोई भी कागजात फेल रहने पर ई-डिटेक्शन प्रणाली ऑटोमेटेकली उसके संबंधित धारा में ई-चालान काट कर उसे वहां के मालिक के मोबाइल और संबंधित परिवहन विभाग के कार्यालय को भेज देगा. इसके बाद उसे वाहन मालिक को काटे गए चालान के रूप में जुर्माना जमा करना होगा.

बगैर परमिट की चलने वाली गाड़ियों पर लगेगी लगाम :

टोल टैक्स गेट पर परिवहन विभाग के द्वारा आइ डिटेक्शन प्रणाली लगाये जाने के बाद अब बगैर परमिट वाली गाड़ियां सड़कों पर नहीं दौड़ सकेंगी. इस मामले में बस मालिकों को फजीहत का सामना करना पड़ेगा, क्योंकि बहुत सारे बस मालिक जिन्हें किसी दूसरे रूट में बस चलाने की परमिट मिली है, वह दूसरे रूट पर भी बस चलाते हैं और पकड़े नहीं जाते. अब इस इ-डिटेक्शन प्रणाली से ऐसे बस तुरंत पकड़ में आ जाएंगे जो अपने रूट पर नहीं चल कर बगैर परमिट वाले रोड पर चल रहे हैं. इसी तरह वैसे भारी मालवाहक वाहन भी पकड़े जा सकेंगे जो बगैर परमिट के चल रहे हैं या जिनकी परमिट फेल हो चुकी है. इसमें वैसे वाहन भी पकड़े जायेंगे जिनकी परमिट तो उनके अपने स्टेट में चलने की बनी है किंतु वह बगैर नेशनल परमिट के दूसरे राज्यों में भी घुस जाते हैं.

बगैर इंश्योरेंस और फिटनेस वाले वाहन भी आयेंगे पकड़ में : इस सिस्टम से बिना इंश्योरेंस, फिटनेस और पॉल्यूशन सर्टिफिकेट लिए सड़कों पर दौड़ने वाले वाहन को भी पकड़ा जा सकेगा. नये वाहन के दो साल पूरा होने के बाद उन्हें हर साल फिटनेस सर्टिफिकेट बनाना पड़ता है. परिवहन विभाग द्वारा वाहनों की जांच कर उन्हें फिटनेस सर्टिफिकेट दिया जाता है कि वाहन सड़कों पर चलने लायक है या नहीं. खासकर पुरानी गाड़ियों के मामले में यह सर्टिफिकेट जरूरी हो जाता है. इसी तरह प्रत्येक वाहन का हर साल पॉल्यूशन सर्टिफिकेट बनाना पड़ता है. अगर वाहन ज्यादा पॉल्यूशन छोड़ रही है तो उसका पॉल्यूशन सर्टिफिकेट नहीं बनता फिर भी ऐसी गाड़ियां सड़कों पर चलती है. इंश्योरेंस में काफी अधिक राशि लगने के कारण बहुत सारे वाहन मालिक बगैर इंश्योरेंस कराए ही वाहन चलाते हैं. अब इन सभी गाड़ियों को टोल गेट पर डिटेक्टर कर उनका ई-चालान काटा जा सकेगा जिससे ऐसी गाड़ियां सड़कों पर चलने से परहेज करेगी. खासकर बगैर इंश्योरेंस वाले वाहन से किसी को धक्का लगने पर उसके घायल अथवा मृतक के परिवार को मुआवजा देने में काफी परेशानी होती है, क्योंकि इंसियोर्ड गाड़ियों से दुर्घटना होने पर मुआवजा इंश्योरेंस कंपनी वहन करती है.

दुर्घटना में आयेगी कमी :

टोल टैक्स गेट पर इ-डिटेक्शन प्रणाली लगाए जाने से सड़कों पर होने वाली दुर्घटनाओं में भी कमी की जा सकेगी. परिवहन विभाग ने यह सिस्टम ट्रैफिक नियमों को सख्ती से पालन और सड़कों पर परिचालन के लिए अनुपयुक्त गाड़ियों को डिटेक्ट करने के लिए लगाया है ताकि ऐसी वाहनों को सड़कों पर परिचालक से रोका जा सके. इस तरह से परिवहन विभाग को सड़क पर होने वाली दुर्घटनाओं में कमी करने में मदद मिलेगी और सड़कों पर पॉल्यूशन काम करने में भी सहायता मिलेगी क्योंकि अनुप्रयुक्त गाड़ियों के परिचालन से दुर्घटनाएं बढ़ती हैं और प्रदूषण वाली गाड़ियों के चलने से सड़क पर प्रदूषण बढ़ जाता है.

क्या कहते हैं अधिकारी

विभाग के द्वारा टोल टैक्स गेट पर इ-डिटेक्शन प्रणाली लगाया जा रहा है जिससे डिफॉल्टर गाड़ियों का इ-चालान काटा जा सकेगा. जहानाबाद जिले में कोई टोल टैक्स गेट नहीं है, इसलिए यहां इस प्रकार के किसी प्रणाली को लगाये जाने की कोई योजना नहीं है.

राहुल कुमार, जिला परिवहन पदाधिकारी, जहानाबाद

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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