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Begusarai News : निगम क्षेत्र के पांच वार्डों में बाढ़ का दायरा बढ़ा, 1500 से अधिक घर बाढ़ की चपेट में

Begusarai News : गंगा के जल स्तर में लगातार वृद्धि होने के कारण जिले के ग्रामीण क्षेत्र के लोग ही नहीं बल्कि नगर निगम क्षेत्र के क्षेत्र के पांच वार्ड भी जलमग्न होता जा रहा है.

बेगूसराय. गंगा के जल स्तर में लगातार वृद्धि होने के कारण जिले के ग्रामीण क्षेत्र के लोग ही नहीं बल्कि नगर निगम क्षेत्र के क्षेत्र के पांच वार्ड भी जलमग्न होता जा रहा है. शुक्रवार को नगर निगम क्षेत्र के वार्ड नंबर पांच कमरुद्दीनपुर में दो फीट तक की जलस्तर में वृद्धि हो गयी. जिसका परिणाम यह हुआ कि जो मुहल्ले थोड़े ऊंचे जगहों पर थे.वहां भी बाढ का पानी घुस गया है. कमरुद्दीनपुर में लगभग पांच सौ से अधिक घर बाढ़ की चपेट में हैं. कमरुद्दीनपुर-डुमरी मुख्यमार्ग पर शिव मंदिर चौक तक बाढ़ का पानी पहुंच गया है. वार्ड नंबर छह के मूसन टोल के भी बड़े हिस्से में बाढ़ का पानी घुस चुका है. मुख्य सड़क पर बने दुकानों में भी बाढ का पानी घुस गया है. बाढ के प्रभाव से वार्ड नंबर चार का लगभग आधा भाग पूरा कैलाशपुर भी चपेट में आ गया है. घरों में पानी घुस गया है.वार्ड के समाजसेवी राहुल कुमार ने बताया कि लोग बाढ़ से हलकान हो रहें हैं. पशुपालक किसानों के समक्ष पशु चारा का संकट हो गया है. बिजली की व्यवस्था भी दुरुस्त नहीं है.लेकिन स्थानीय जनप्रतिनिधि तथा प्रशासनिक स्तर से जनसुविधा उपलब्ध कराने में उदासीनता बरता जा रहा है.इससे लोगों की परेशानी बढ़ रही है. वार्ड नंबर 17 पसपुरा तथा आस पास भी बाढ का पानी बढ़ रहा है. स्थानीय निवासी मनीष कुमार ने बताया कि लगभग 250 से अधिक घर बाढ़ की चपेट में आ गये हैं. स्थानीय निवासी गंधारी साह ने अपनी व्यथा सुनाते हुए कहा कि बाढ़ मे कच्चे घर वाले ज्यादा कष्ट झेल रहें हैं. हम रात में सोये थे और जब सुबह उठा तो देखा कि सबकुछ डूब चुका है.अनाज और घर के समान की भी काफी क्षति हो गयी.ऐसी ही मिलती जुलती वृतांत बाढ़ से पीड़ित झोपड़ी और कच्चे घर वालों के द्वारा सुनने को मिल रहें हैं.वार्ड नंबर 18 के लवहरचक भी बाढ से प्रभावित हो गया है. सड़क पर दो से तीन फीट के उपर पानी बह रहा है.लोग काफी परेशान हैं.

बाढ प्रभावित क्षेत्रों के लोगों की रातों की नींद हुई गायब :

बाढ प्रभावित क्षेत्रों के लोगों की रातों की नींद गायब हो गयी है. उन्हें इस बात का डर सता रहा है कि बाढ़ का जलस्तर कब कितना विकराल हो जाए कौन जानता है. बाढग्रस्त क्षेत्रों में जब बाढ़ आती है तो लोग सिर्फ जल विभिषिका ही नहीं झेलते है. बल्कि इस दौरान विभिन्न तरह के कीड़े-मकोड़े तथा सर्पदंश का भी खतरा बढ़ जाता है.इससे भी बाढ़ग्रस्त लोगों की चिंता बढ जाती हैं.

बाढ़ के समय सांप के खतरे से निबटने के उपाय :

बाढ़ के दौरान तथा बाढ़ के बाद घर में वापस लौटने पर लोगों को सांप समेत विभिन्न कीड़े-मकोड़े के द्वारा काट लिए जाने का खतरा काफी बढ़ जाता है.इसको लेकर भी जागरुकता जरूरी है. बाढ़ के दौरान सांप अपना घर खो देते हैं. नतीजतन सांप घरों भंडारण शेड और अन्य इमारतों के अंदर आश्रय और भोजन की तलाश करने में जुटे हो सकते हैं. क्षतिग्रस्त संरचनाएं और मलबा सांपों के लिए अधिक सुलभ होता है. इसलिए जब बाहर हों अपने पैरों की सुरक्षा के लिए मजबूत जूते और दस्ताने तथा लंबी पैंट पहनना चाहिए. मलबा हटाते या साफ करते समय ध्यान रखें कि आप अपने हाथ और पैर कहां रख रहें हैं. यदि आपको कोई सांप दिखाई दे तो उससे धीरे से दूर हट जाएं और उसे अपने रास्ते पर जाने दें. उसे छूएं नहीं. अपने घर के आसपास से मलबा यथाशीघ्र हटा दें, क्योंकि यह चूहों, छिपकलियों और उन कीड़ों को आकर्षित कर सकता है,जिनसे सांप अपना भोजन प्राप्त करते हैं. उन सांपों से सावधान रहें जो पानी में तैरकर ऊंची जगह पर जाने की कोशिश कर रहे हों. घर के अंदर रहते समय यदि लोगों को अपने घर में सांप दिखे तो घबराएं नहीं. किसी ऐसे व्यक्ति से सलाह लें जो जानता हो कि सांप को सुरक्षित तरीके से कैसे हटाया जाए. अगर किसी व्यक्ति को सांप ने काट लेता है तो काटने के आसपास की त्वचा को नही धोने की विशेषज्ञ सलाह देते हैं. शांत और स्थिर रह कर तुरंत अस्पताल जाना चाहिए यदि. तुरंत अस्पताल नहीं जा सकते तो प्राथमिक उपचार कर लेना चाहिए. लेटकर या बैठ कर जाए और काटने वाली जगह को अपने दिल के स्तर से नीचे रखना चाहिए. काटने वाली जगह को साफ, सूखी ड्रेसिंग या पट्टी से ढकें और अगर संभव हो तो अंग पर पट्टी बांध दें. काटने का समय और पट्टी कब लगाई गई, यह भी नोट कर सकते हैं. विशेषज्ञ घाव पर टूर्निकेट नही लगाने की सलाह देते हैं.

जिला प्रशासन ने नगर निगम क्षेत्र में शुरू की सामुदायिक रसोई :

नगर निगम के महापौर पिंकी देवी ने जिला पदाधिकारी के निर्देश के आलोक में बताया कि जिला प्रशासन द्वारा राहत कार्य निगम क्षेत्र में शुरु किया जा रहा है.सीओ के द्वारा बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों की लगातार माॅनेटरिंग किया जा रहा है. निगम क्षेत्र में बाढ़ से विस्थापित लोगों के लिए शीघ्र ही सामुदायिक रसोई शुरु हो रही है. विस्थापित लोगों के लिए रोशनी की व्यवस्था,खराब पड़े लाईट की मरम्मत,चापाकल की व्यवस्था, अस्थाई शौचालय, साफ सफाई की व्यवस्था, एंटीलार्वा का छिड़काव नगर निगम द्वारा किया जा रहा है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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