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एफएसएनएल सेव कमेटी बर्नपुर के कर्मचारियों का प्रदर्शन

इंटक नेता हरजीत सिंह ने कहा कि फेरो स्क्रैप निगम लिमिटेड प्रति वर्ष 100 करोड़ का लाभ देता था.

बर्नपुर. आइएसपी की चार ट्रेड यूनियनों इंटक, सीटू, एचएमएस व एटक की संयुक्त रूप से बनी फेरो स्क्रैप निगम लिमिटेड (एफएसएनएल) सेव कमेटी की बर्नपुर यूनिट के बैनर तले शुक्रवार को फेरो स्क्रैप निगम लिमिटेड के कथित निजीकरण के खिलाफ आइएसपी के एचआरडी विभाग के गेट पर विरोध प्रदर्शन किया. इंटक नेता हरजीत सिंह ने कहा कि फेरो स्क्रैप निगम लिमिटेड प्रति वर्ष 100 करोड़ का लाभ देता था. राष्ट्रीयकरण के समय से ही फेरो स्क्रैप निगम लिमिटेड़ लाभकारी संस्था रही है. आज सरकार की दोषपूर्ण नीतियों के चलते जापान मूल की कंपनी को 320 करोड़ रुपये में बेच दिया गया है. जबकि सरकार ने आश्वासन दिया था कि कारखाना व वर्कर्स के हित से जुड़े मुद्दों पर बात होगी. अभी तक वर्कर्स का वेज रिवीजन लागू नहीं किया गया है. शुक्रवार को सेल की सभी इकाइयों में विरोध प्रदर्शन किया गया. इसी क्रम में आइएसपी के एफएसएनएल में मानव संस्थान विभाग के गेट पर विरोध प्रदर्शन किया गया. सड़क से लेकर कोर्ट तक लड़ाई की जायेगी. किसी को भी कारखाने में घुसने नहीं दिया जायेगा. गौरतलब है कि एफएसएनएल का विनिवेश 320 करोड़ रुपये में कर दिया गया है. यह जानकारी गुरुवार को निवेश व सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग(दीपम) से दी गयी. बताया गया कि जापानी कंपनी कोनोके ट्रांसपोर्ट कंपनी लिमिटेड की बोली को अंतिम रूप दिया गया है. अब कर्मचारियों व अधिकारियों के भविष्य को लेकर आशंका है. जबकि केंद्रीय इस्पात मंत्री मंत्री एचडी कुमारस्वामी ने 17 सितंबर को भिलाई में कहा था कि इस्पात क्षेत्र का निजीकरण नहीं होगा. मालूम रहे कि आठ अगस्त 2021 से निजीकरण में रुचि ले रही कंपनियों के प्रतिनिधि दौरे कर रहे हैं. इसका कई इकाइयों में विरोध हुआ है. दुर्गापुर में निजी कंपनियों के प्रतिनिधियों को संयंत्र में घुसने तक नहीं दिया गया. वहीं, श्रमिक संगठन और ऑफिसर्स एसोसिएशन मिल कर निजीकरण का विरोध कर रहे हैं. भिलाई में वर्ष 1956 में स्क्रैप प्रोसेसिंग कारोबार की शुरुआत की गयी थी. फेरो स्क्रैप निगम के गठन के बाद देशभर में उससे 350 अफसर, 800 कर्मचारी व 7000 ठेका श्रमिक जुड़े. वहीं, आइएसपी में अफसर, कर्मचारी व ठेका श्रमिक कुल 250 हैं. आइएसपी के अलावा इसकी इकाइयां भिलाई, बोकारो, राउरकेला, विशाखापट्टनम, दुर्गापुर, भद्रावती, सलेम, हजीरा, हैदराबाद में भी हैं., फेरो स्क्रैप निगम लिमिटेड कभी भी नुकसान में नहीं रहा. इसकी सहायक कंपनियों ने इस वर्ष की पहले तिमाही में 22 करोड रुपये का टैक्स देकर लाभ कमाया है. वहीं, गत वर्ष 65 करोड रुपये का फायदा हुआ

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