संवाददाता, पटना नगर विकास एवं आवास विभाग ने मुख्यमंत्री समग्र शहरी विकास योजना के तहत चयनित होने वाली योजनाओं की प्रशासनिक स्वीकृति का अधिकार प्रमंडलीय आयुक्त और जिलाधिकारी को भी दिया है. अब जिलाधिकारी एक करोड़ रुपये तक, जबकि प्रमंडलीय आयुक्त एक करोड़ रुपये से ऊपर एवं ढाई करोड़ रुपये तक की योजनाओं की प्रशासनिक स्वीकृति दे सकेंगे. उससे अधिक राशि की योजनाओं की प्रशासनिक स्वीकृति विभागीय स्तर पर दी जायेगी. इसको लेकर विभाग ने संकल्प जारी कर दिया है. साथ ही विभाग ने चयनित योजनाओं की प्राथमिकता का निर्धारण करने वाली जिला स्तरीय संचालन समिति को भी पुनर्निर्धारित किया है. जिले के प्रभारी मंत्री की अध्यक्षता में गठित होने वाली इस जिला स्तरीय संचालन समिति में शहरी क्षेत्र के स्थानीय विधायक, जिले के सभी विधान पार्षद, डीएम, एसपी, जिले के सभी नगरपालिका के आयुक्त व कार्यपालक पदाधिकारी एवं बुडा/बुडको के संबंधित कार्यपालक अभियंता सदस्य बनाये गये हैं. विभाग ने कहा कि राज्य के सभी शहरी निकायों द्वारा चयनित योजनाओं के तकनीकी अनुमोदन के उपरांत प्रशासनिक स्वीकृति के लिए विभाग को प्राक्कलन समर्पित किया जाता है. नगर निकायों के पुनर्गठन के उपरांत नगर निकायों की संख्या बढ़ कर 261 हो गयी है, जिसके कारण अधिक संख्या में योजनाओं की प्रशासनिक स्वीकृति विभाग द्वारा दिये जाने में कई प्रकार की प्रशासनिक कठिनाइयां हो सकती है. इसको देखते हुए प्रशासनिक स्वीकृति की शक्तियां प्रमंडलीय आयुक्त एवं डीएम को भी दी गयी है.
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