Delhi New CM: उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने पार्टी के नेताओं सौरभ भारद्वाज, गोपाल राय, कैलाश गहलोत, इमरान हुसैन और मुकेश अहलावत को मंत्री पद की शपथ दिलाई. सुल्तानपुर माजरा से पहली बार के विधायक मुकेश अहलावत, आतिशी मंत्रिमंडल में नया चेहरा हैं. आतिशी की टीम के नये चेहरों के बारे में आपको हम यहां बताने वाले हैं.
केजरीवाल के विश्वासपात्र हैं कैलाश गहलोत
अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली निवर्तमान कैबिनेट में शामिल कैलाश गहलोत को आम आदमी पार्टी (आप) प्रमुख का विश्वासपात्र कहा जाता है. उन्होंने शनिवार को मंत्री के रूप में शपथ ली. विधायक कैलाश गहलोत ग्रामीण पृष्ठभूमि से आते हैं और ‘आप’ के एक प्रमुख जाट नेता हैं, जिन्होंने 2015 और 2020 में दो बार नजफगढ़ निर्वाचन क्षेत्र से जीत हासिल की. उन्होंने 2015 में 1,555 मतों के मामूली अंतर से जीत हासिल की थी, लेकिन 2020 में उनकी जीत का अंतर 6,231 मत रहा था.
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कपिल मिश्रा के इस्तीफे के बाद कैलाश गहलोत को कैबिनेट में किया गया था शामिल
वर्ष 2017 में कपिल मिश्रा के इस्तीफे के बाद उन्हें कैबिनेट में शामिल किया गया था. दिल्ली विश्वविद्यालय से कानून में स्नातक और स्नातकोत्तर की पढ़ाई करने वाले गहलोत ने परिवहन, महिला एवं बाल विकास, गृह और आईटी जैसे महत्वपूर्ण विभाग संभाले. उन्हें दिल्ली में इलेक्ट्रिक वाहन नीति शुरू करने और बसों में महिलाओं के लिए मुफ्त यात्रा और ‘फेसलेस’ सेवाओं की शुरुआत समेत कई अन्य पहल का श्रेय दिया जाता है. पिछले साल केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा आबकारी नीति मामले में पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद, उन्हें कुछ समय के लिए वित्त विभाग दिया गया था और उन्होंने दिल्ली का 2023-24 बजट भी पेश किया था. नजफगढ़ के विधायक को राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोपों से दूर रहकर अपने काम पर ध्यान केंद्रित करने वाला व्यक्ति माना जाता है.
सौरभ भारद्वाज ने की है इंजीनियरिंग की पढ़ाई
आम आदमी पार्टी (आप) के नेता और ग्रेटर कैलाश सीट से तीन बार के विधायक सौरभ भारद्वाज को मुख्यमंत्री आतिशी की अध्यक्षता वाली नयी मंत्रिपरिषद में जगह मिली है. इंजीनियरिंग की पढ़ाई करके राजनीति में आए भारद्वाज दिसंबर 2013 में 49 दिन की अरविंद केजरीवाल सरकार में परिवहन और पर्यावरण जैसे महत्वपूर्ण विभागों के मंत्री भी थे. हालांकि, 2015 में जब ‘आप’ फिर से सत्ता में आई तो उन्हें हटा दिया गया. भारद्वाज (44) को ‘आप’ का पुरजोर बचाव करने और पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता के तौर पर भाजपा पर तीखे हमले करने के लिए जाना जाता है. उनकी प्रसिद्धि का एक कारण 2017 में दिल्ली विधानसभा में ‘डमी मशीन’ के माध्यम से ईवीएम से छेड़छाड़ की संभावना को साबित करने की उनकी कोशिश भी है. साल 2020 के चुनावों में ‘आप’ की जीत के बाद केजरीवाल सरकार के तीसरे कार्यकाल में मार्च 2023 में वह फिर से मंत्री बने. वह केजरीवाल सरकार में स्वास्थ्य, शहरी विकास, पर्यटन, कला संस्कृति, उद्योग और बाढ़ नियंत्रण विभाग संभाल रहे थे. केजरीवाल ने मंगलवार को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था.
गोपाल राय, पूर्वांचली चेहरे
उत्तर-पूर्वी दिल्ली के बाबरपुर क्षेत्र से दो बार के विधायक गोपाल राय को मुख्यमंत्री आतिशी की अध्यक्षता वाली नयी मंत्रिपरिषद में बरकरार रखा गया है. राय पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल के लंबे समय से सहयोगी हैं और आम आदमी पार्टी (आप) के संस्थापक सदस्यों में से एक हैं. ‘आप’ के पूर्वांचली चेहरे राय पूर्वी उत्तर प्रदेश के मऊ जिले से संबंध रखते हैं. लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्र के रूप में, वह भ्रष्टाचार और अपराध के मुद्दों पर छात्र राजनीति में सक्रिय थे और अभियान चलाते थे. उन्हें गोली लगी थी, जिससे उन्हें आंशिक पक्षाघात हो गया था. वह 2011 में वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे और केजरीवाल के नेतृत्व में ‘इंडिया अगेंस्ट करप्शन’ आंदोलन में शामिल थे. बाद में राय केजरीवाल और उनके करीबी सहयोगियों द्वारा गठित ‘आप’ में शामिल हो गए. राय ने अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत करते हुए 2013 में बाबरपुर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. वर्ष 2017 में उन्हें ‘आप’ की दिल्ली इकाई का संयोजक नियुक्त किया गया, जिसके बाद से वह इस पद पर हैं. राय ने 2015 और 2020 के विधानसभा चुनाव में बाबरपुर सीट से जीत हासिल की और केजरीवाल सरकार में मंत्री बने. उन्हें 2015 में, पहली बार परिवहन और श्रम विभाग दिया गया. वर्ष 2020 में बनी निवर्तमान केजरीवाल सरकार में उन्हें पर्यावरण एवं वन, विकास और सामान्य प्रशासन विभाग सौंपा गया.