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बाढ़ से दो लाख हेक्टेयर भूमि की खेती नष्ट, किसानों को 30 के पहले मुआवजा

राज्य में पिछले दिनों हुई भारी बारिश और उसके बाद दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) के बांधों द्वारा छोड़े गये पानी की वजह से खेती को काफी नुकसान हुआ है. राज्य सचिवालय नबान्न से मिली जानकारी के अनुसार, बाढ़ की वजह से राज्य के 12 जिलों में दो लाख हेक्टेयर से अधिक भूमि की खेती नष्ट हुई है. राज्य सरकार ने कृषि को हुए नुकसान का आंकलन लगाने का काम शुरू कर दिया है.

कोलकाता.

राज्य में पिछले दिनों हुई भारी बारिश और उसके बाद दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) के बांधों द्वारा छोड़े गये पानी की वजह से खेती को काफी नुकसान हुआ है. राज्य सचिवालय नबान्न से मिली जानकारी के अनुसार, बाढ़ की वजह से राज्य के 12 जिलों में दो लाख हेक्टेयर से अधिक भूमि की खेती नष्ट हुई है. राज्य सरकार ने कृषि को हुए नुकसान का आंकलन लगाने का काम शुरू कर दिया है.

हालांकि, राज्य प्रशासन का मानना है कि जलस्तर कम होने के बाद वास्तविक नुकसान के बारे में जानकारी मिल पायेगी. हालांकि, राज्य सरकार की ओर से 30 सितंबर के पहले किसानों को इसका मुआवजा भी प्रदान कर दिया जायेगा.

राज्य के कृषि मंत्री शोभनदेब चट्टोपाध्याय ने नुकसान के आंकलन के लिए राज्य के कृषि सचिव ओंकार सिंह मीना और अन्य अधिकारियों के साथ पहले ही बैठक कर ली है. बैठक में उन्होंने निर्देश दिया कि राज्य के सभी किसानों को बंगाली फसल बीमा का लाभ मिले, इसके लिए काम जारी रखा जाये और यह भी सुनिश्चित किया जाये कि बाढ़ से प्रभावित किसानों को 30 सितंबर तक बीमा का लाभ मिल जाये.

कृषि विभाग ने दक्षिण बंगाल के 12 बाढ़ प्रभावित जिलों में ज्यादा से ज्यादा कैंप बनाने का लक्ष्य रखा है, ताकि बाढ़ प्रभावित हर किसान का नाम दर्ज कराने में कोई दिक्कत न हो. वहीं, बाढ़ के कारण सब्जी की खेती को भी काफी नुकसान हुआ है, इसलिए राज्य सरकार प्रभावित किसानों की मदद के लिए हर संभव प्रयास कर रही है.

दीघा : बाधिया क्षेत्र के तीन गांव भी बाढ़ की चपेट में

हल्दिया.

पूर्व मेदिनीपुर के पांसकुड़ा व अन्य क्षेत्रों के बाद अब दीघा के तटीय बाधिया क्षेत्र के तीन गांव भी बाढ़ की चपेट में आ गये हैं. रामनगर विधानसभा अंतर्गत बाधिया क्षेत्र के तीन गांव जलमग्न हैं. डीवीसी का पानी छोड़े जाने के बाद सुवर्णलेखा नदी का जल स्तर बढ़ गया है, जिससे रामनगर ब्लॉक नंबर एक के बाधिया इलाके के तीन गांवों में बाढ़ की स्थिति पैदा हो गयी है. गांवों में मकानों में पानी घुस गया है. कई कच्चे मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं. प्रशासन की ओर से लोगों के बीच राहत सामग्री व त्रिपाल वितरीत की जा रही है. शनिवार को रामनगर ब्लॉक-एक की विकास अधिकारी पूजा देबनाथ और पंचायत समिति के अध्यक्ष निताई चरण सार ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया है. जिला परिषद के सदस्य कल्याण जाना ने कहा कि उन्होंने ब्लॉक अधिकरी से पर्याप्त परिमाण में राहत सामग्री आबंटित करने का आवेदन किया है.

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