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Chief became victim of bullet: दाह-संस्कार में विवाद सुलझाने गये मुखिया हुए गोली के शिकार

Chief became victim of bullet

Chief became victim of bullet: मोरवा : बनबीरा पंचायत के मुखिया नारायण शर्मा सामाजिक सेवा के लिए जाने जाते थे. रात हो या दिन हर समय जनता की सेवा के लिए तत्पर रहने वाले मुखिया को नहीं मालूम था कि यही सेवा की भावना उनकी जान का दुश्मन बन जायेगी. बताया जाता है कि डीहिया पुल पर हो रहे एक युवक के दाह संस्कार में कुछ व्यवधान खड़ा हुआ तो मुखिया को लोगों ने याद किया. हालांकि, दाह संस्कार की सारी तैयारी दिवंगत मुखिया के द्वारा ही कराई गई थी. मुखिया का मोबाइल घर पर ही छूट गया था. लोगों के मार्फत से इसकी जानकारी उन्हें मिली तो अपनी आदत के अनुसार मुखिया अकेले ही डीहिया पुल की तरफ चले गये. वहां पहले से ही कुछ लोगों के बीच कहासुनी हो रही थी. आरोप है कि मामले को सुलझाने के क्रम में मुखिया आरोपित नक्सली राकेश सहनी की गोली के शिकार हो गये. पैक्स अध्यक्ष से राजनीतिक सफर की शुरुआत करने वाले नारायण शर्मा ने लगातार दूसरी बार मुखिया पद पर जीत हासिल कर क्षेत्र की सेवा की कर रहे थे. लड़ुआ के पूर्व मुखिया वरुण कुमार सिंह ने बताया कि बड़े भाई की तरह उनका सानिध्य हमेशा मिलता रहा. निकसपुर के मुखिया प्रतिनिधि अरुण सक्सेना का कहना है कि मुखिया संघ के अध्यक्ष से सभी मुखिया को काफी बल मिलता था. चकसिकंदर के मुखिया बृजेश प्रसाद राय इस बात से आहत हैं कि एक मुखिया का इस तरह से जाना काफी दुःखदायी है. घटना की बाबत विधायक रणविजय साहू, जदयू के राष्ट्रीय सचिव विद्यासागर सिंह निषाद, पूर्व मंत्री वैद्यनाथ सहनी, पूर्व विधायक रामचंद्र सिंह निषाद, प्रमुख सान्या नेहा, उपप्रमुख स्मिता शर्मा, बीडीओ अरुण कुमार निराला, सीओ आलोक रंजन, केशो नारायणपुर के मुखिया चन्देश्वर पासवान, इन्द्रवारा की मुखिया रिंकू देवी, ररियाही के सीताराम राय, गुनाई बसही की अनिता देवी, निकसपुर के संजू सक्सेना, मरीचा की माला देवी, बाजितपुर करनैल की शुचिता कुमारी, सारंगपर पश्चिमी के सुनील राय, मोरवा दक्षिणी के पीआर गोपाल, चकपहाड़ की निक्की गिरी आदि ने घटना पर गहरा दुख प्रकट किया है.

Chief became victim of bullet: पुलिस की कार्य शैली पर उठ रहे सवाल

हलई थाना क्षेत्र के डीहिया पुल पर लगातार आपराधिक गतिविधियों को अंजाम दिए जाने का मामला आम हो चुका है. आये दिन इस सुनसान जगह पर कोई न कोई घटना होती रहती है, जिसके कारण इस जगह पर पुलिस पिकेट के निर्माण एवं चार चौकीदारों की स्थायी प्रतिनियुक्ति की मांग होती रही है. कुछ दिनों तक चौकीदार की ड्यूटी भी यहां पर लगायी गयी थी, लेकिन वर्तमान समय में डीहिया पुल को राम भरोसे छोड़ दिया गया. जिसके कारण इस घटना को अंजाम दिया गया. स्थानीय लोगों की माने तो पुलिस की कार्यशैली बदमाशों में खौफ नहीं है. अगर इस जगह पर चौकीदारों की तैनाती की होती, तो शायद इस तरह की घटना को रोकी जा सकती थी. लोगों ने बताया कि पुलिस के द्वारा जो भी गश्त की जाती है, उससे आपराधिक गतिविधियां नहीं रुक रही हैं. लहरिया कट बाइकर्स और ट्रिपल लोडिंग बाइक का उपयोग आम हो चुका हैं. अपराधियों पर लगाम लगाने के लिए पुलिस के द्वारा किये जा रहे प्रयास का असर नहीं दिख रहा है, जिसके कारण अपराधी इतनी बड़ी घटना को आसानी से अंजाम दे देते हैं.

Chief became victim of bullet: कई संगीन वारदातों को अंजाम दे चुका है राकेश

अपनी आपराधिक गतिविधि को लेकर आरोपित नक्सली राकेश सहनी अक्सर चर्चा में बना रहा. बताया जाता है कि बनबीरा पंचायत के महमदपुर निवासी अशोक सहनी के बेटे राकेश सहनी का उस समय नाम चर्चा में आया जब डीहिया पुल पर फोरलेन निर्माण बेस कैंप पर नक्सली हमला हुआ था. इसमें जेसीबी समेत कई मशीनों में आग लगा दी गई थी. बम और गोलियों की तड़तड़ाहट से पूरा क्षेत्र गूंज उठा था. इस घटना में कंपनी को करीब 50 लाख से ज्यादा का नुकसान हुआ था. उसके बाद राकेश को नक्सली घोषित किया गया और वह सलाखों के पीछे पहुंच गया. काफी दिन जेल में रहने के बाद जब वह जेल से बाहर आया, तो सरकार के द्वारा उसके मुख्य धारा में लौटने को लेकर चार लाख की आर्थिक मदद भी दी गई. पुलिस की देखरेख में वह अपना जीवन पटरी पर लाने लगा. लेकिन, एक के बाद एक घटना ने पूरे मामले को और पेचीदा कर दिया. बताया जाता है कि नक्सली वारदात के कारण एक बार फिर सलाखों के पीछे पहुंचे राकेश सहनी के द्वारा कई मामले को अंजाम दिया गया. जेल से निकलने के बाद वह एक बार फिर गैर कानूनी काम में जुट गया. पिस्तौल और नक्सली का भय दिखाकर वह लेवी वसूलने लगा. मृतक मुखिया से भी वह कई बार लेवी ले चुका था. लोगों कहना है कि क्षेत्र के प्रतिष्ठित व्यवसायियों पर वह अपना धौंस जमा रहा था. अवैध उगाही को लेकर दबाव बना रहा था. शुक्रवार की रात हुई घटना को लोग उसी कड़ी से जोड़कर देख रहे हैं. लोगों कहना है कि उसके क्रिया-कलाप पर अगर पुलिस की नजर होती, तो शायद ऐसी घटना नहीं होती. उसके अवैध कामों में प्रयोग लायी जानेवाली दो गाड़ियां दूसरे लोगों के दरवाजे पर खड़ी बतायी जाती है. इस हिसाब से मुखिया पर जानलेवा हमला किया गया. उसे हिसाब से उसके बढ़े हुए मनोबल को दर्शाता है. लोगों का कहना है कि जितनी बड़ी घटना को अंजाम उसके द्वारा दिया गया है उस पर स्पीडी ट्रायल के तहत मामला दर्ज होना चाहिए और उसे पर बड़ी कार्रवाई की जरूरत है.

Chief became victim of bullet: गिरफ्तार हुआ राकेश सहनी

बनवीरा पंचायत के मुखिया नारायण शर्मा का हत्यारा नक्सली राकेश सहनी पुलिस के हत्थे चढ़ गया. डीएसपी बीके मेधावी, थानाध्यक्ष ब्रजेश कुमार सिंह समेत दर्जन भर पुलिसकर्मियों की लगातार छापेमारी में वह पुलिस के हत्थे चढ़ा. पुलिस ने उसे गुप्त स्थान पर रखकर पूछताछ शुरू कर दी है. बताया जाता है कि शुक्रवार की देर रात्रि से ही वह अपने घर में सारे परिवार के साथ ताला बंद कर फरार हो गया था, लेकिन लोगों के भारी दबाव के बीच पुलिस ने अपना अभियान जारी रखा और उसे पकड़ लिया. पुलिस का कहना है कि पूरे मामले का खुलासा होना तय है क्योंकि जिस हिसाब से राकेश ने मुखिया की गोली मारकर हत्या की है, उससे उसके खौफनाक इरादे जाहिर होते हैं.

Chief became victim of bullet: मिले फांसी की सजा : विधायक

नक्सली राकेश सहनी द्वारा जिस बर्बरता पूर्ण कार्रवाई करते हुए मुखिया की जघन्य हत्या की गयी है, उस पर स्पीडी ट्रायल के तहत मामले का निष्पादन करते हुए फांसी की सजा होनी चाहिए. इसके लिए वे डीजीपी आलोक रंजन से मिलेंगे. यह बातें विधायक रणविजय साहू ने कही. शनिवार को बनवीरा पंचायत में जाम स्थल पर पहुंचकर विधायक ने प्रशासन से उस घटना को लेकर काफी दुख जताते हुए प्रशासन से कड़ी कार्रवाई करने की मांग कहीं की है. विधायक ने पीड़ित परिवार के लिए सुरक्षा गार्ड उपलब्ध कराने और पकड़े गये नक्सली पर कड़ी कार्रवाई करने की बात कही है. मौके पर मुन्ना राय, मनोज कुमार राय, सर्वेन्दू कुमार शरण, रामानंद राय, प्रवीण कुमार, पूर्व मुखिया विजय कुमार झा, पूर्व मुखिया वरुण कुमार सिंह, गणेश कुमार सिंह, धर्मेंद्र कुमार आर्य मौजूद थे.

Chief became victim of bullet: सात घंटे तक चला जाम

हलई थाना क्षेत्र के पंनसाला चौक के समीप एनएच 322 पर जाम कर रहे लोगों ने जमकर गुस्से का इजहार किया. लोग अपराधी की गिरफ्तारी तक अपनी मांग पर अड़े रहे. करीब सात घंटे तक एनएच 322 जाम रहा. जिसके कारण ट्रकों की लंबी लाइन लग गई. पनसाला चौक से लेकर चकलालशाही चौक तक दोनों तरफ गाड़ियों की लंबी लाइन देखी गई. बड़े पैमाने पर लोग हलकान होते नजर आये. अपराधी की गिरफ्तारी होते ही लोग जामस्थल से उठे और लाश को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया.

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