Bhubneswar News: हिरासत में एक महिला के कथित यौन उत्पीड़न की अदालत की निगरानी में एसआइटी जांच एवं न्यायिक जांच की मांग करने के एक दिन बाद, विपक्षी बीजू जनता दल (बीजद) सुप्रीमो नवीन पटनायक ने शनिवार को कहा कि यहां तक कि पुलिस थानों में भी महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं. श्री पटनायक ने बीजद के प्रदेश मुख्यालय ‘शंख भवन’ में केंद्रपाड़ा और गजपति जिलों के पार्टी नेताओं को संबोधित करते हुए यह टिप्पणी की. उन्होंने चिंता प्रकट करते हुए कहा कि यह दुखद है कि भुवनेश्वर में थानों में भी महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं और राजभवन में सरकारी कर्मचारियों की पिटाई कर दी जाती है. ऐसा लगता है कि राज्य में कानून-व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं है. उनकी यह टिप्पणी 15 सितंबर को महिला के साथ हुई कथित घटना और उससे पहले राज्यपाल के बेटे द्वारा एक सरकारी कर्मी की कथित पिटाई के संदर्भ में थी. भरतपुर थाने में 15 सितंबर को सेना के एक अधिकारी को कथित तौर पर प्रताड़ित किया किया गया और उनकी मंगेतर का कथित यौन उत्पीड़न किया गया था.
भाजपा के झूठे वादे के बारे में जनता को जागरूक करें कार्यकर्ता
विधानसभा में विपक्ष के नेता पटनायक ने बीजद की अनुसूचित जाति मोर्चा को संबोधित करते हुए पार्टी नेताओं से सुभद्रा योजना, पेंशन एवं भत्तों एवं मुफ्त बिजली के बारे में भाजपा द्वारा किये गये ‘झूठे’ वादों के बारे में जागरूकता फैलाने का आह्वान किया. बीजद ने निरंतर दावा किया है कि भाजपा, मतदाताओं से किये गये वादों को पूरा नहीं कर पायी है. उसने दावा किया कि दो साल के अंदर राज्य में सभी महिलाओं को 50,000 रुपये देने के वादे के बावजूद भाजपा ने बाद में कई महिलाओं को इस अवसर का लाभ पाने से वंचित कर दिया. विपक्षी दल ने कहा कि 21 से 60 साल तक की महिलाओं को सुभद्रा योजना के लाभार्थियों के रूप में चुना गया था. पटनायक ने पार्टी नेताओं को निर्देश दिया कि 300 यूनिट मुफ्त बिजली और 3,500 रुपये वृद्धावस्था पेंशन के वादों के सिलसिले में वे जनता को भाजपा के ‘झूठ’ के बारे में बतायें.
पुलिस थाने में महिला के ‘यौन उत्पीड़न’ का राजनीतिकरण किया जा रहा है : उप मुख्यमंत्री
इधर, ओडिशा के उप मुख्यमंत्री कनकवर्धन सिंह देव ने शनिवार को कहा कि शहर के भरतपुर पुलिस थाना में ‘यौन उत्पीड़न’ की हालिया घटना का ‘राजनीतिकरण’ किया जा रहा है. उन्होंने जोर देकर कहा कि दोषियों को बख्शा नहीं जायेगा. सिंह देव ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि राज्य की भाजपा सरकार पहले ही घटना में कथित संलिप्तता के आरोपी पांच पुलिस कर्मियों को निलंबित कर चुकी है. उन्होंने कहा कि घटना का राजनीतिकरण किया जा रहा है. यह भाजपा के कारण है कि पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक अपने घर से निकले और 24 साल बाद मीडिया बयान जारी किया. उन्होंने दावा किया कि बीजद सरकार ने पुलिस को ऐसी स्थिति में छोड़ दिया है. पिछली सरकार ने अपने 24 साल के कार्यकाल के दौरान स्वामी लक्ष्मणानंद सरस्वती की हत्या सहित विभिन्न मामलों की जांच के लिए कई न्यायिक आयोगों का गठन किया था. लेकिन उन्होंने ऐसी जांच रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की है.
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