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स्ट्रीट पेंटिंग का हिस्सा बनीं छात्राओं को क्लास से निकालने पर महिला महाविद्यालय में बवाल

घटना के बाद बाकी छात्राएं भड़क उठीं और भूगोल विभागाध्यक्ष के खिलाफ सड़क पर उतर कर प्रदर्शन करने लगी. बवाल बढ़ता देख कर आरोपी विभागाध्यक्ष को सफाई देनी पड़ी.

बांकुड़ा. कोलकाता के आरजी कर अस्पताल की घटना के खिलाफ जिले में विरोध प्रदर्शन के दौरान स्ट्रीट पेंटिंग का हिस्सा बनीं दो छात्राओं को जिला शारदामनी महिला महाविद्यालय की कक्षा से निकाल दिया गया. इससे कॉलेज में बवाल हो गया. घटना के बाद बाकी छात्राएं भड़क उठीं और भूगोल विभागाध्यक्ष के खिलाफ सड़क पर उतर कर प्रदर्शन करने लगी. बवाल बढ़ता देख कर आरोपी विभागाध्यक्ष को सफाई देनी पड़ी. लेकिन मामला शांत होता नहीं दिख रहा है. छात्राओं की शिकायत है कि आरजी कर की घटना को लेकर हो रहे प्रदर्शनों को तृणमूल के लोग सह व देख नहीं पा रहे. इसलिए तृणमूल के कथित सिपाही जब तक आंदोलनकारियों को धमकाते रहते हैं. इस क्रम में महिला कॉलेज की दो छात्राओं को चलती कक्षा से निकाल दिया गया. छात्राओं की मांगट है कि कॉलेज में धमकी संस्कृति और नहीं चलने दी जायेगी. बहुत हो चुका, अब और बर्दाश्त नहीं किया जायेगा. ऐसी कथित धमकी से शनिवार को बांकुड़ा शारदामनी महिला महाविद्यालय में हड़कंप मच गया. आरोप है कि 18 सितंबर को कॉलेज में भूगोल विभाग की दो छात्रों को स्ट्रीट पेंटिंग में भाग लेने पर चलती कक्षा से निकाल दिया गया. आरोप कॉलेज के भूगोल विभाग के प्रमुख, पूर्व राज्यमंत्री व तृणमूल नेता श्यामल सांतरा पर लगा है. घटना के दिन कॉलेज की छात्राओं के एक वर्ग ने उन दोनों छात्रों की कक्षा में वापसी की मांग पर कॉलेज के बाहर विरोध प्रदर्शन किया. फिर इसमें दूसरे कॉलेजों के छात्र-छात्राएं और शहर के अन्य लोग भी आने लगे. दबाव में आकर आखिरकार कॉलेज के कार्यवाहक प्राचार्य ने जरूरी कदम उठाने का आश्वासन दिया. कॉलेज के छात्रों के एक समूह ने कॉलेज में सड़कों पर पेंटिंग कर घटना का विरोध करने की अनुमति मांगी. कार्यवाहक प्राचार्य ने सबसे पहले छात्रों के अनुरोध पर यह अनुमति दे दी बाद में अनुमति रद्द कर दी. छात्राओं के एक समूह ने कॉलेज के बाहर स्ट्रीट पेंटिंग की. उस स्ट्रीट पेंटिंग में कॉलेज के पांचवें सेमेस्टर की दो छात्राएं अपर्णा मंडल व प्रेयसी टुडू ने भाग लिया. फिर उन्हें प्रोफेसर श्यामल सांतरा का क्रोध झेलना पड़ा. बाद में प्रेयसी टुडू ने बताया कि प्रोफेसर ने उसे क्लास से बाहर निकाल दिया, क्योंकि वह प्रदर्शन में शामिल हुई थी. आरोप के अनुसार प्रोफेसर ने कई बार नरम लहजे में धमकाते हुए कहा कि एक छात्र का परीक्षा परिणाम शिक्षक पर निर्भर करता है. उसका पास या फेल होना शिक्षक पर भी तय है. इस बाबत पूछने पर आरोपी प्रोफेसर श्यामल सांतरा ने कहा कि यह आंदोलन पिछले डेढ़ माह से चल रहा है. कुछ छात्राएं कक्षा में नहीं आ रहीं थीं, तो उन्हें कहा था कि क्लास पसंद नहीं है, तो मत आओ. इससे ज्यादा कुछ नहीं कहा. अब इसे छात्राएं आंदोलन की खीझ और धमकी बतायें, तो यह उनकी समस्या है. यह पूछने पर कि क्या आपने उन दोनों छात्राओं को क्लास नहीं करने का आदेश दिया था, इस पर आरोपी प्रोफेसर खीझ गये और अपने कक्ष में चले गये. इस संबंध में कार्यवाहक प्रिंसिपल देबब्रत मुखर्जी ने कहा, “इस घटना के बाद मैंने छात्राओं से कक्षा में लौटने को कहा है मामले पर जल्द ही बैठक बुला कर चर्चा होगी.”

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