30.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

पश्चिम बंगाल में अब एक तीसरी ताकत की जरूरत : दीपांकर भट्टाचार्य

श्री भट्टाचार्य ने कहा कि विरोध-प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे नागरिक संस्थाओं के सदस्यों ने राजनीतिक दलों, खासकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को दूर रखा है.

एजेंसियां, कोलकाता/नयी दिल्लीभारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में एक जूनियर महिला चिकित्सक से दुष्कर्म और हत्या की घटना के खिलाफ राज्य में विरोध-प्रदर्शन अभूतपूर्व हैं और इसने राज्य में वामपंथी, लोकतांत्रिक विपक्ष की गुंजाइश व आवश्यकता को भी रेखांकित किया है.

श्री भट्टाचार्य ने कहा कि विरोध-प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे नागरिक संस्थाओं के सदस्यों ने राजनीतिक दलों, खासकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को दूर रखा है. उन्होंने कहा कि यह आंदोलन दर्शाता है कि पश्चिम बंगाल में एक तीसरी ताकत की आवश्यकता है.

गत नौ अगस्त को आरजी कर मेडिकल कॉलेज व अस्पताल की जूनियर महिला चिकित्सक से बलात्कार और हत्या की घटना के खिलाफ पूरे राज्य में एक महीने तक चले कनिष्ठ चिकित्सकों के आंदोलन में समाज के विभिन्न वर्गों के लोग भी शामिल हुए थे.

यह पूछे जाने पर कि क्या इस आंदोलन का पश्चिम बंगाल की राजनीति पर कोई असर पड़ेगा, श्री भट्टाचार्य ने कहा : मुझे लगता है कि इसका निश्चित तौर पर असर पड़ेगा. ये विरोध-प्रदर्शन अभूतपूर्व हैं. उन्होंने कहा : हमने पश्चिम बंगाल या देश के किसी अन्य हिस्से में हाल के समय में इतने बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन नहीं देखा है. यह मुख्य रूप से नागरिक समाज का प्रदर्शन है, जिसका एजेंडा (पीड़िता के लिए) न्याय और न सिर्फ पश्चिम बंगाल में, बल्कि पूरे देश में स्वास्थ्य प्रणाली में सुधार लाना है. श्री भट्टाचार्य के मुताबिक, चिकित्सक के साथ दुष्कर्म-हत्या की घटना ने राज्य की तृणमूल कांग्रेस सरकार के खिलाफ लोगों के गुस्से को उजागर किया है. उन्होंने कहा : आरजी कर अस्पताल की घटना सिर्फ एक कारक थी. हमें लगता है कि सरकार के खिलाफ कई अन्य मुद्दे हैं. लोगों में असंतोष है.

भाकपा (माले) महासचिव ने कहा : इस बात पर गौर फरमाना जरूरी है कि नागरिक संगठनों ने राजनीतिक दलों, खासकर भाजपा को अपने विरोध-प्रदर्शन में दखल देने की इजाजत नहीं दी है. इससे साबित होता है कि बंगाल का नागरिक समाज भी देश को लेकर चिंतित है. उन्होंने कहा : इसलिए पश्चिम बंगाल में अब एक तीसरी ताकत की जरूरत है. भाजपा, जो मुख्य विपक्षी दल बन गई है, उसकी जगह वामपंथी, लोकतांत्रिक और मजबूत विपक्ष को खड़ा किया जाना चाहिए. हमें लगता है कि इसकी गुंजाइश है और यह मौजूदा समय की जरूरत भी है.

स्वास्थ्य के क्षेत्र में भ्रष्टाचार की जड़ें बहुत गहरी

श्री भट्टाचार्य ने कहा कि जूनियर डॉक्टर के विरोध-प्रदर्शन ने स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में पारदर्शिता लाने और भ्रष्टाचार को खत्म करने की आवश्यकता को रेखांकित किया है. उन्होंने कहा : स्वास्थ्य प्रणाली और उसमें (भ्रष्टाचार की) जांच की व्यवस्था में जो भ्रष्टाचार व्याप्त है, उसकी जड़ें बहुत गहरी हैं, इसलिए स्वास्थ्य प्रणाली में पारदर्शिता लाना और भ्रष्टाचार को खत्म करना दो मुख्य मुद्दे हैं. श्री भट्टाचार्य ने कहा कि स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली में सुधार के अलावा विरोध-प्रदर्शन को कार्यस्थल पर महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दे पर भी ध्यान आकर्षित करना चाहिए.

देश में बलात्कार की घटनाओं में नहीं आयी कमी

उन्होंने कहा : मुझे उम्मीद है कि उच्चतम न्यायालय इसे सिर्फ चिकित्सकों की सुरक्षा से जुड़े मुद्दे के रूप में नहीं देखेगा. चिकित्सकों की सुरक्षा के साथ-साथ सबसे बड़ा मुद्दा यह है कि निर्भया कांड, वर्मा कमेटी की रिपोर्ट और कानून में कुछ बदलावों के इतने दिन बाद भी देश में बलात्कार की घटनाओं में कमी नहीं आयी है. हर 16 मिनट में (बलात्कार की) एक वारदात की सूचना मिलती है. दोषसिद्धि दर नहीं बढ़ी है, यह अभी भी 27 फीसदी के आसपास है. भाकपा (माले) नेता ने कहा : इसलिए यह कार्यस्थल पर महिलाओं की सुरक्षा का भी मुद्दा है और शीर्ष अदालत को इस दिशा में भी ध्यान देना चाहिए.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें