रांची. रांची विवि में पीजी के 30 विभागों में नामांकन की प्रक्रिया जारी है. कॉलेजों में पीजी की पढ़ाई होने के कारण इन विभागों में विद्यार्थियों की संख्या पिछले दो साल में घट गयी है. इसमें सबसे खराब स्थिति पीजी कॉमर्स की है. जहां कभी 500 सीटों के लिए 2000 विद्यार्थी आवेदन करते थे, वहां इस सत्र में मात्र 210 विद्यार्थियों ने आवेदन दिया है. आवेदन की अंतिम तारीख बढ़ाकर 27 सितंबर कर दी गयी है.
बाकी विषयों में भी कम आवेदन
यह हाल केवल पीजी कॉमर्स का ही नहीं है, बल्कि लगभग सभी ऐसे विषयों का है जिनकी कभी डिमांड रहती थी और नामांकन के लिए विद्यार्थी परेशान रहते थे. इसमें इस वर्ष इंग्लिश में 278, पोलिटिकल साइंस में 165, हिंदी में 123, हिस्ट्री में 128, फिजिक्स में 98, मैथ्स में 140, बॉटनी में 70, ज्योग्राफी में 191, जूलॉजी में 211 और संस्कृत में मात्र 12 आवेदन आये हैं. वहीं जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा विभाग की बात करें तो इस वर्ष खोरठा में नौ, संताली में नौ, मुंडारी में भी नौ, हो, खड़िया व कुरमाली में एक-एक आवेदन आये हैं. वहीं अधिकतर विभागों में 100 से अधिक सीटों पर नामांकन होता है.
कॉलेजों में पीजी शुरू होने से पड़ा है असर
रांची विवि के कई कॉलेजों में पीजी की पढ़ाई शुरू होने का असर विवि के पीजी विभागों में पड़ा है. ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थी पहले मोरहाबादी स्थित पीजी विभागों में नामांकन के लिए आते थे. लेकिन अब उनके क्षेत्र में पीजी की पढ़ाई होने से वह यहां नहीं आते. डीएसडब्ल्यू डॉ सुदेश साहू का कहना है कि कॉलेजों में पीजी की पढ़ाई का असर दिख रहा है.
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