Arvind Kejriwal Rally : सार्वजनिक रैली ‘जनता की अदालत’ में आम आदमी पार्टी (आप) के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा और आरएसएस से कुछ सवाल किए. उन्होंने पूछा कि क्या वह केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल कर राजनीतिक दलों को तोड़ने, विपक्षी दलों की सरकारें गिराने और भ्रष्ट नेताओं को अपने पाले में करने की बीजेपी की राजनीति से सहमत है.
दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद जंतर-मंतर पर अपनी पहली सार्वजनिक रैली में अरविंद केजरीवाल ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत से पांच सवाल पूछे किए. इन सवालों में एक सवाल यह भी था कि क्या रिटायरमेंट की आयु से संबंधित बीजेपी का नियम मोदी पर भी लागू होता है, जैसा कि लालकृष्ण आडवाणी पर लागू हुआ था. उन्होंने भागवत से पूछा कि क्या वह राजनीतिक नेताओं को ‘भ्रष्ट’ कहने और फिर उन्हें अपने पाले में शामिल करने की बीजेपी की राजनीति से सहमत हैं.
किसी सत्ता या पद के लालच में राजनीति में नहीं आया: अरविंद केजरीवाल
अरविंद केजरीवाल ने एक अन्य सवाल में भागवत से पूछा कि जब बीजेपी प्रमुख जे.पी. नड्डा ने कहा कि उनकी पार्टी को अपने वैचारिक मार्गदर्शक आरएसएस की जरूरत नहीं है तो उन्हें कैसा लगा. शराब नीति मामले में पांच महीने से अधिक समय तक जेल में रहने के बाद 13 सितंबर को तिहाड़ जेल से जमानत पर रिहा हुए केजरीवाल ने कहा कि वह देश की सेवा के लिए राजनीति में आए हैं, न कि किसी सत्ता या पद के लालच में. पूर्व मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि उन्होंने अपने खिलाफ लगे भ्रष्टाचार के आरोपों से आहत होकर इस्तीफा दिया है. उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों में उन्होंने पैसा नहीं, बल्कि केवल सम्मान कमाया है.
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नवरात्रि के दौरान मुख्यमंत्री का आधिकारिक आवास छोड़ दूंगा: अरविंद केजरीवाल
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव उनके लिए अग्नि परीक्षा है और अगर लोग सोचते हैं कि वह बेईमान हैं तो उन्हें वोट न दें. आम आदमी पार्टी (आप) के प्रमुख ने कहा कि वह ‘श्राद्ध’ अवधि के बाद नवरात्रि के दौरान मुख्यमंत्री का आधिकारिक आवास छोड़ देंगे और उन लोगों के बीच रहेंगे, जो उन्हें आवास की पेशकश कर रहे हैं.