अंचल कार्यालय में ग्रामीण से ज्यादा भूमि माफिया की लगी रहती है भीड़
फोटो-12-सरफराज आलम, पूर्व सांसद. प्रतिनिधि, अररियाबिहार सरकार के पूर्व राजस्व व भूमि सुधार मंत्री सह अररिया लोकसभा के पूर्व सांसद सरफराज आलम ने कहा कि बिहार में हो रहे भूमि सर्वेक्षण को लेकर अफरा-तफरी का माहौल है. हर जगह लोगों को भय दिखाकर बिचौलिया लोगों से कागज ठीक कराने के नाम पर अवैध उगाही कर रहे हैं. गांव में सभी लोग भयभीत हैं कि हम लोगों का क्या होगा. सरफराज आलम ने कहा की बिहार में सत्तर साल के लंबे अंतराल के बाद भूमि सर्वे का काम बिहार सरकार करा रही है. उन्होंने कहा की इस लंबे अवधी में भूमि संबंधी विवाद का मामला काफी बढ़ गया है. ऐसे में सरकार द्वारा भूमि सर्वे का काम निश्चित रूप से होना चाहिए. इसमें जितना विलंब होगा उतना ही भूमि विवाद का मामला गहराता जायेगा. ऐसे में सरकार द्वारा भूमि सर्वे कराया जाना बिल्कुल जरूरी है. ताकि लोगों की अपनी भूमि का मालिकाना हक प्राप्त हो सके. भूमि संबंधी तमाम जरूरी कागजात भी सही हो जाये. लेकिन वहीं दूसरी ओर सरफराज आलम ने कहा कि इस कार्य में एक ओर बिचौलिया सक्रिय हैं. लोगों को भयभीत कर उनसे मोटी रकम की वसूली में लगे हैं. जिससे गांव के लोग आर्थिक शोषण के शिकार हो रहे है. उन्होंने कहा की सरकार को चाहिए की बिचौलिया से मुक्ति व राजस्व विभाग के कर्मी पर शिकंजा कसे. आसानी से भूमि सर्वे का काम हो सके इसपर ध्यान देने की जरूरत है ,सीमांचल विकास मोर्चा के संस्थापक पूर्व सांसद सरफराज आलम ने बताया की भूमि सर्वे को लेकर भूमि के कागजात सही करने के नाम पर सीओ व कर्मचारी द्वारा जमकर लूट मचाया जा रहा है. अंचल कार्यालय में ग्रामीण से ज्यादा भीड़ भूमि माफिया की लगी रहती है. इसपर सरकार को अंकुश लगाने की जरूरत है.
कलश स्थापना तीन अक्तूबर को
फोटो-13- माता दुर्गा की प्रतिमा निर्माण.
भरगामा. प्रखंड क्षेत्र के खूटहा बैजनाथपुर, भरगामा, महथावा, जयनगर, शेखपुरा, शंकरपुर, सिमरबनी, हिंगवा व कदमाहा विभिन्न पूजा स्थल पर आगामी दुर्गा पूजा को लेकर प्रतिमा निर्माण कार्य जोर शोर से शुरु हो चुका है. इस क्रम में सार्वजनिक दुर्गा मंदिर महथावा के प्रांगण में बड़े-बड़े भव्य पंडाल का निर्माण जोर शोर से शुरू हो गया है. वहीं मंदिर में स्थापित होने वाली मां दुर्गा की प्रतिमा को मूर्त रूप देने में जुट गए हैं कलाकार. जैसे-जैसे नवरात्र पर्व नजदीक आ रहा है. मां दुर्गा की प्रतिमा को अंतिम रूप देने में कलाकार जुटे नजर आ रहे हैं. कोई पुश्तैनी धंधे को बचाने में महंगाई से जूझ रहा है तो कोई आत्म संतुष्टि के लिए अपनी कला का जौहर दिखा रहा है. हर हुनर लाजवाब है. हाथों से मिट्टी को मूर्ति का नायाब रूप मिल रहा है. वहीं सिरसिया कला से आए कलाकारों की जो करीब 15 दिनों से प्रतिमा तैयार करने में जुटे हैं. इनके हुनर की पहचान सिर्फ कुछ ही दिनों में चौराहों, गांवों व गलियों में झलकेगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है