संसदीय स्थायी समितियों के गठन में देरी पर तृणमूल सांसद ने कसा तंज कोलकाता. तृणमूल सांसद डेरेक ओब्रायन ने आरोप लगाया कि 18वीं लोकसभा के गठन के 100 दिन पूरे होने के बाद भी संसदीय स्थायी समितियों का गठन नहीं हो पाया. इस पर उन्होंने केंद्र सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि संसद को अब अंधेरे कमरे के रूप में तब्दील किया जा रहा है. इससे पहले गत 11 सितंबर को केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा था कि संसदीय स्थायी समितियों और सलाकार समितियों का गठन जल्द किया जायेगा. रविवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स पर पोस्ट कर तृणमूल नेता ने लिखा, “ 15वीं लोकसभा में 10 में से सात विधेयक संसद की विभाग संबंधित स्थायी समितियों को भेजे गये थे. पिछली लोकसभा में 10 में से केवल दो ही विधेयकों की जांच हुई थी. संसद को एक अंधेरे कमरे में तब्दील किया जा रहा है.” थिंक-टैंक पीआरएस लेजिस्लेटिव रिसर्च द्वारा जारी डाटा के अनुसार, 17वीं लोकसभा में 16 फीसदी विधेयक स्थायी समितियों को भेजे गये थे. विधेयकों पर लगभग 50 फीसदी रिपोर्ट 115 दिनों के भीतर जारी किये गये थे. विधेयकों पर रिपोर्ट बनाने के लिए स्थायी समितियों ने औसतन नौ बैठकें कीं. डाटा संरक्षण विधेयक के अलावा जैविक विविधता (संशोधन) विधेयक 2021 पर कम से कम 15 बैठकों में चर्चा हुई. आपराधिक कानूनों में सुधार के लिए तीन विधेयकों की 12 बैठकों में एक साथ जांच की गयी.16वीं लोकसभा में 28 फीसदी विधेयक स्थायी समितियों के पास भेजे गये थे, जबकि 15वीं लोकसभा में 71 फीसदी विधेयक पैनल के भेजे गये थे.
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