ऑफलाइन जीएसटी लाइसेंस से बढ़ी व्यवसायियों की परेशानी मुजफ्फरपुर. जीएसटी के लाइसेंस में नयी व्यवस्था व्यवसायियों की परेशानी बढ़ा रही है. पहले ऑनलाइन आवेदन भरे जाने के तीन दिन बाद लाइसेंस मिल जाता था. पर अब ऑफलाइन प्रक्रिया में व्यवसायियों को ऑनलाइन आवेदन के साथ राज्य कर विभाग के कार्यालय में बायोमेट्रिक सिस्टम से अंगूठे का निशान देना पड़ रहा है. इसके अलावा उनके प्रतिष्ठान का अधिकारी फिजिकल वेरीफिकेशन करेंगे. इसके बाद लाइसेंस जारी होगा. हालांकि फिजिकल वेरिफिकेशन का कोई समय निर्धारित नहीं किया गया है. इससे व्यवसायियों की परेशानी बढ़ गयी है. कई व्यवसायी आवेदन देने के बाद फिजिकल वेरिफिकशन के इंतजार में रहते हैं, लेकिन उनका वेरिफिकेशन नहीं हो पाता है. अरुण कुमार ने बताया कि हार्डवेयर दुकान के लाइसेंस के लिए उन्होंने आवेदन जमा किया है. एक सप्ताह बीतने के बाद भी संज्ञान नहीं लिया गया है. ऑनलाइन आवेदन से लाइसेंस की प्रक्रिया बेहद आसान थी. अब सब कुछ अधिकारियों पर निर्भर रह गया है. चैंबर के महामंत्री सज्जन शर्मा ने कहा कि व्यवसायियों की शिकायत को पटना के विशेष राज्य कर अपर आयुक्त को अवगत कराया गया है. हमलोगों ने इस प्रक्रिया को सुलभ बनाने की मांग की है. जीएसटी के नाम पर फर्जीवाड़ा नहीं हो, यह ठीक है, लेकिन व्यवसायियों को भी लाइसेंस लेने के लिए परेशान नहीं होना पड़े, इसका ध्यान रखा जाए. —जीएसटी लाइसेंस को आसान बनाने का प्रस्ताव आया है. इसे मुख्यालय भेज दिया गया है. वहां से जो भी निर्देश आएगा, उसके अनुसार काम किया जाएगा.- सत्येंद्र कुमार सिन्हा, प्रमंडलीय राज्य कर अपर आयुक्त
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