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12 वर्ष बाद हुआ सीनेट चुनाव, 82 प्रतिशत शिक्षकों ने किया मतदान

25 सितंबर को मतों की गिनती के बाद जारी किया जाएगा परिणाम, मतदान को लेकर शिक्षकों में दिखा उत्साह

वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर बीआरएबीयू में 12 वर्षों के बाद सीनेट में शिक्षक प्रतिनिधियों के चुनाव को लेकर सोमवार को एक साथ 14 जिलों में वोट डाले गये. विवि मुख्यालय में चार समेत संबंधित सभी जिलों को मिलाकर कुल 19 केंद्रों पर शिक्षकों ने उत्साह के साथ मतदान प्रक्रिया में हिस्सा लिया.चार घंटे तक चली वोटिंग में कुल 82 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मत का प्रयोग किया. सहरसा के बीएनएम हाेमियाेपैथी काॅलेज में रिकॉर्ड 100 प्रतिशत मतदाताओं ने मतदान किया. वहीं छपरा के श्री माेती सिंह आयुर्वेद काॅलेज स्थित केंद्र पर सबसे कम 41.94 वोटिंग हुई. चुनाव को लेकर सुबह से ही विश्वविद्यालय मुख्यालय, कंट्रोल रूम से लेकर मतदान केंद्रों पर चहल-पहल थी. विश्वविद्यालय की कुलसचिव सह रिटर्निंग ऑफिसर डाॅ अपराजिता कृष्णा ने भी मतदान केंद्राें का जायजा लिया. विवि से बताया गया कि मतदान शांति और सौहार्दपूर्ण माहौल में संपन्न हुआ. दूर के जिलों से शाम तक पोलिंग पार्टियां विश्वविद्यालय पहुंच गयीं. यहां प्रत्याशी या उनके पाेलिंग एजेंट की माैजूदगी में केंद्रीय पुस्तकालय में बने स्ट्रांग रूम में देर रात तक बैलेट बाॅक्स जमा कराया गया. 25 सितंबर को मतों की गिनती होगी. इसके बाद परिणाम घोषित होंगे. कुलसचिव सह रिटर्निंग ऑफिसर ने सीनेट चुनाव शांतिपूर्ण संपन्न हाेने पर सभी कर्मचारियाें काे धन्यवाद दिया. कहा कि विवि में 12 वर्षों के बाद सीनेट की तैयारी से लेकर इसके आयोजन तक में कर्मचारियों ने अहम भूमिका निभायी. सक्रिय रहा कंट्रोल रूम, ली जाती रही अपडेट सीनेट चुनाव को लेकर पुराने अतिथि गृह में कंट्रोल रूम बनाया गया था. यहां से सभी मतदान केंद्रों से लगातार अपडेट ली जा रही थी. मुजफ्फरपुर समेत 14 जिलाें के 19 केंद्राें पर मतदान की प्रक्रिया हुई. 3 श्रेणियों में कुल 2067 शिक्षकाें काे वाेटर बनाया गया था. मुजफ्फरपुर व नजदीक के जिलाें में सुबह 10.30 से दाेपहर 2.30 बजे तक और दूर के जिलों में सुबह 9 से दाेपहर 1 बजे तक वोटिंग हुई. सीरियल नंबर को लेकर हुआ विवाद : सीनेट चुनाव शुरू होने के कुछ ही देर बाद विवि में बने मतदान केंद्र पर कुछ शिक्षकों ने बैलेट पेपर पर सीरियल नंबर लिखा होने पर विरोध जताया. कहा कि इससे मतदान की पारदर्शिता पर सवाल उठेगा. यह पता चल जाएगा कि किसने किसको वोट दिया है. विश्वविद्यालय के बॉटनी विभाग में बने केंद्र पर इस मुद्दे को लेकर गहमा-गहमी शुरू हो गयी. जानकारी कंट्रोल रूम काे दी गयी. वहां से निर्देश दिया गया कि बैलेट पेपर के ऊपरी हिस्से का सीरियल नंबर स्केच से हटा दिया जाए. इसके बाद स्केच से बैलेट पेपर के ऊपर प्रदर्शित सीरियल नंबर को ब्लैक कर दिया गया. अन्य केंद्रों पर मतदान शांतिपूर्ण संपन्न हुआ.

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