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परीक्षा भवन सह मूल्यांकन केंद्र को लेकर मुंगेर विश्वविद्यालय ने शिक्षा विभाग को दिया प्रस्ताव

मुंगेर विश्वविद्यालय द्वारा अपने नियमित परीक्षा व मूल्यांकन कार्य को सही से संचालित करने को लेकर शिक्षा विभाग को दो से ढाई हजार छात्र-छात्राओं के बैठने की क्षमता वाले परीक्षा भवन सह मूल्यांकन केंद्र निर्माण कराने का प्रस्ताव दिया है.

दो से ढाई हजार छात्र-छात्राओं के बैठने की होगी व्यवस्था, अपर मुख्य सचिव ने दिया आश्वासन, प्रतिनिधि, मुंगेर. मुंगेर विश्वविद्यालय द्वारा अपने नियमित परीक्षा व मूल्यांकन कार्य को सही से संचालित करने को लेकर शिक्षा विभाग को दो से ढाई हजार छात्र-छात्राओं के बैठने की क्षमता वाले परीक्षा भवन सह मूल्यांकन केंद्र निर्माण कराने का प्रस्ताव दिया है. साथ ही वर्ष 2018 में टीएमबीयू से अलग होने के बाद एमओयू के आधार पर मानव बल और आर्थिक सहयोग नहीं मिलने की जानकारी भी दी गयी है. जिसे लेकर दोनों ही मामलों में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ एस सिद्धार्थ ने जल्द पूर्ण करने का आश्वासन दिया है. कुलसचिव कर्नल विजय कुमार ठाकुर ने बताया कि सोमवार को शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव द्वारा विडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से बैठक की गयी थी. इसमें कॉलेजों व विश्वविद्यालय के असैनिक कार्यों व अन्य विकास योजनाओं की वर्तमान स्थिति, स्वीकृति व क्रियान्वयन के संबंध में एसीएस ने समीक्षा की. इस दौरान एमयू के कुलपति प्राे. संजय कुमार चौधरी ने महत्ता के साथ विश्वविद्यालय व कॉलेजों की समस्याओं को अपर मुख्य सचिव के समक्ष रखा. बैठक में कुलपति ने अपर मुख्य सचिव को भवन के अभाव में परीक्षा संचालित करने और मूल्यांकन कराने में हो रही कठिनाई से भी अवगत कराया. साथ ही दो से ढाई हजार छात्र-छात्राओं के बैठने की क्षमता वाले एक परीक्षा भवन सह मूल्यांकन केंद्र के निर्माण का प्रस्ताव दिया. जिसे अपर मुख्य सचिव ने स्वीकार करते हुए इस संबंध में अग्रेतर करवाई के लिये विश्वविद्यालय के कुलसचिव व शिक्षा विभाग के सचिव को निर्देशित किया. वहीं कुलपति ने मुंगेर विश्वविद्यालय परिसर व प्रशासनिक/अकादमिक भवन के निर्माण को लेकर शीघ्र भूमि आवंटन को भी रखा. इस मुद्दे पर अपर मुख्य सचिव ने आश्वस्त किया कि मामले पर प्राथमिकता के स्तर पर काम हो रहा है और जल्द ही विश्वविद्यालय के निर्माण के लिए भूमि आवंटित होगी. वहीं बैठक के दौरान कुलपति ने तिलकामांझी विश्वविद्यालय, भागलपुर से अलग हुए मुंगेर विश्वविद्यालय में मानवबल और वित्तीय संसाधनों की कमी को भी रखा. जिसमें उन्होंने बताया कि 2018 में विश्वविद्यालय के स्थापना के लिए हुए एमओयू में दर्ज कई देयताएं व आर्थिक/कार्मिक सहयोग भी आज तक भागलपुर विश्वविद्यालय से अप्राप्त है. इस संबंध में अपर मुख्य सचिव ने शिक्षा विभाग के सचिव को तत्काल इस विषय पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया है.

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