संवाददाता,पटना जमीन सर्वे की प्रक्रिया शुरू होने के बाद सूबे से बाहर रहनेवाले लोग अपनी जमीन का ब्योरा अपलोड कराने में रुचि ले रहे हैं. जमीन सर्वे के लिए ऑफलाइन के साथ ऑनलाइन आवेदन जमा करने का भी प्रावधान है. लोग स्व घोषणा पत्र पर अपनी जमीन का सारा डिटेल भर कर जमा कर रहे हैं. पटना जिले में ग्राम सभा पूरी होने के बाद लोग प्रपत्र-2 में जमीन का डिटेल व प्रपत्र 3(1) में वंशावली का ब्योरा दे रहे हैं. अब तक लगभग 70 हजार लोगों ने आवेदन जमा किया है. इसमें लगभग 40 हजार लोगों ने ऑनलाइन, जबकि लगभग 30 हजार लोगों ने ऑफलाइन माध्यम से शिविरों में आवेदन जमा किया है. ऑनलाइन आवेदन जमा करने की सुविधा होने से लोग देश-दुनिया में कहीं भी रह कर आवेदन जमा कर सकते हैं. ग्राम सभा की प्रक्रिया पूरी होने के बाद सभी अंचलों में बनाये गये शिविरों में अधिकारी रहने लगे हैं. लोग शिविरों में जाकर ऑफलाइन आवेदन जमा कर रहे हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में आवेदन अधिक जमा हो रहे हैं. ऑनलाइन व ऑफलाइन माध्यम से जमा होनेवाले आवेदन के आधार पर विशेष सर्वेक्षण से जुड़े अधिकारी व कर्मचारी जांच कर प्रपत्र-5 में सारा डिटेल अपलोड कर रहे हैं. पटना. पुराने खतियान की कॉपी नहीं मिलने से लोगों को परेशानी हो रही है. डिजिटाइज्ड नहीं होने से पुराने खतियान के कागजात जहां-तहां रखे होने से उसे खोजने में कठिनाई हो रही है. जिला निबंधन कार्यालय के अभिलेखागार में नकल निकलवाने के लिए लोगों को चक्कर लगाना पड़ रहा है. जानकारों के अनुसार पहले नकल निकलवाने में एक से दो दिन लगते थे. अभी आठ से 10 दिन लग रहे हैं. वर्ष 2005 के बाद किसी जमीन की रजिस्ट्री होने पर डीड की नकल निकलवाने में आसानी है. उसका डिजिटाइज्ड होने से खोजने में सुविधा हो रही है. लेकिन 2005 के पहले वाले अभिलेख का डिजिटाइज्ड नहीं होने से उसके निकलवाने में दिक्कत हो रही है.
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