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14,052 शिक्षकों की नियुक्ति का रास्ता साफ, आज जारी होगी मेधा सूची

उच्च प्राथमिक स्कूलों में शिक्षक पद के लिए आवेदन करने वालों को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. करीब आठ वर्षों से उच्च प्राथमिक स्कूलों में लंबित 14 हजार से अधिक शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया को कलकत्ता हाइकोर्ट ने शुरू करने का आदेश दिया था.

सुप्रीम कोर्ट ने हाइकोर्ट के फैसले में हस्तक्षेप से किया इनकार

संवाददाता, कोलकाताउच्च प्राथमिक स्कूलों में शिक्षक पद के लिए आवेदन करने वालों को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. करीब आठ वर्षों से उच्च प्राथमिक स्कूलों में लंबित 14 हजार से अधिक शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया को कलकत्ता हाइकोर्ट ने शुरू करने का आदेश दिया था. लेकिन, हाइकोर्ट के इस फैसले को राजीव ब्रह्म सहित कई अभ्यर्थियों ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. उनका आरोप था कि नियुक्ति प्रक्रिया में आरक्षण नीति के नियमों का सही प्रकार से अनुपालन नहीं किया गया है. मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश डीवाइ चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला व न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने हाइकोर्ट के फैसले में किसी प्रकार का हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया. गौरतलब है कि हाइकोर्ट ने उच्च प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए वर्ष 2016 में हुई परीक्षा का पैनल जारी करने का आदेश पश्चिम बंगाल स्कूल सर्विस कमीशन (डब्लूबीएसएससी) को दिया था. हाइकोर्ट के फैसले को अब सुप्रीम कोर्ट ने भी मान्यता दे दी है. इसी बीच, आयोग ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि 25 सितंबर अर्थात बुधवार को पैनल प्रकाशित किया जायेगा. पैरा टीचर्स या सहायक शिक्षकों के लिए 10 फीसदी सीटें आरक्षित रहेंगी. उस हिस्से को छोड़ कर पैनल जारी होगा. पैनल प्रकाशित होने के बाद पहले चरण की काउंसेलिंग की तिथि घोषित की जायेगी.

क्या है मामला:

राज्य शिक्षा विभाग ने वर्ष 2016 में उच्च प्राथमिक स्कूलों में 14339 रिक्त पदों पर नियुक्ति के लिए विज्ञप्ति जारी की थी. इसमें कहा गया था कि 2011 व 2015 की शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीइटी) उत्तीर्ण करने वाले आवेदन कर सकेंगे. इसके बाद वर्ष 2019 में इंटरव्यू के लिए सूची प्रकाशित की गयी, जिस पर सवाल उठाते हुए हाइकोर्ट में याचिका दायर की गयी. 2020 में हाइकोर्ट की न्यायाधीश मौसमी भट्टाचार्य ने पूरे पैनल को रद्द करते हुए नये सिरे से पैनल प्रकाशित करने का आदेश दिया था. इसके बाद नये सिरे से पैनल प्रकाशित किया गया, लेकिन इसके खिलाफ भी हाइकोर्ट में मामला हुआ. इस बार मामले की सुनवाई तत्कालीन न्यायाधीश अभिजीत गांगुली की एकल पीठ में हुई और न्यायाधीश ने नयी सूची पर स्थगनादेश लगा दिया. फिर यह मामला खंडपीठ में गया. खंडपीठ ने 2023 में पैनल प्रकाशित करने की अनुमति दी थी. हालांकि, कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि एसएससी पैनल तो जारी कर सकता है, लेकिन किसी भी उम्मीदवार की नियुक्ति की सिफारिश नहीं कर सकता.

नियुक्ति प्रक्रिया में खामियों के लगे थे आरोप

उच्च प्राथमिक स्तर की भर्ती प्रक्रिया में कई खामियों के आरोप लगे थे, जिसके आधार पर हाइकोर्ट में याचिका दायर की गयी थी. 2023 में इंटरव्यू प्रक्रिया से 1463 उम्मीदवारों को केवल अनुमान के आधार पर बाहर कर दिया गया था. याचिकाकर्ताओं ने कहा कि इस निर्णय के पीछे के कारणों को उम्मीदवारों को नहीं बताया गया. एसएससी ने चार बार इस प्रक्रिया की समीक्षा की, जिसके बाद 74 उम्मीदवारों को इंटरव्यू से बाहर कर दिया गया. इसमें भी उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया, ऐसा आरोप याचिकाकर्ताओं के वकीलों ने अदालत में लगाया है.

क्या था हाइकोर्ट का आदेश

कलकत्ता हाइकोर्ट के न्यायाधीश तपोब्रत चक्रवर्ती व न्यायाधीश पार्थसारथी चटर्जी की खंडपीठ ने 14 हजार से अधिक रिक्त पदों पर नियुक्तियों को मंजूरी देते हुए नये सिरे से मेरिट लिस्ट प्रकाशित करने का आदेश दिया था. हाइकोर्ट ने 28 अगस्त को यह फैसला सुनाते हुए स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) को अगले चार सप्ताह के भीतर सूची जारी करने को कहा था. हाइकोर्ट ने अपने आदेश में 14052 पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने का आदेश देते हुए कहा था कि पिछले पैनल में जिन 1463 अभ्यर्थियों के नाम नहीं थे, उनके नाम भी शामिल कर नये सिरे से पैनल प्रकाशित की जाये.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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