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बिहार पुलिस का डॉग स्क्वायड होगा, मजबूत शामिल होंगे गोल्डन रिट्रीवर व लैब्राडोर

जनवरी में बिहार पुलिस के डॉग स्क्वायड में 15 डॉग शामिल हो जायेंगे. फिलहाल ये डॉग हैदराबाद में प्रशिक्षण ले रहे हैं. इनमें लेब्राडोर, गोल्डन रिट्रीवर व बेल्जियम शेफर्ड शामिल हैं.

संवाददाता, पटना : बिहार के डॉग स्क्वायड को और भी मजबूत किया जा रहा है. इस कड़ी में 15 डॉग जनवरी में बिहार पुलिस के डॉग स्क्वायड में शामिल हो जायेंगे. फिलहाल ये डॉग हैदराबाद में प्रशिक्षण ले रहे हैं. इससे बिहार पुलिस को बड़ी और महत्वपूर्ण घटनाओं की जांच में काफी मदद मिलेगी. बिहार पुलिस को मिलने वाले इन 15 डॉग में लेब्राडोर, गोल्डन रिट्रीवर व बेल्जियम शेफर्ड शामिल हैं. बिहार पुलिस के पास पहले से पबजी, सिंबा, शेरू, ड्यूक, दामिनी, माही, हंटर, तेजा आदि 57 डॉग मौजूद हैं. पूर्व की तरह इन डॉग को बिहार पुलिस में कांस्टेबल और हेड कांस्टेबल का भी रैंक प्रदान किया जायेगा. इनमें से 17 पटना में हैं. अपराध अनुसंधान विभाग के तहत बिहार श्वान दस्ते के 14 डॉग गांधी मैदान स्थित पटना पुलिस लाइन में हैं और तीन शास्त्रीनगर में रखे गये हैं. आवश्यकतानुसार इनकी ड्यूटी लगायी जाती है. शास्त्रीनगर में मौजूद तीनों डॉग शराब को पकड़ने में माहिर हैं, जबकि पटना पुलिस लाइन स्थित केंद्र पर मौजूद डॉग शराब के साथ बम आदि को भी पकड़ने में माहिर हैं.

हैदराबाद में सभी डॉग को हर तरह का दिया जा रहा है प्रशिक्षण

सभी डॉग को नारकोटिक्स और बम ट्रैकिंग आदि का विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है. बिहार में शराबबंदी को सख्ती से लागू करने में भी इनकी मदद ली जायेगी. इसके अलावा लैंड माइंस की पहचान करने के लिए भी प्रशिक्षित किया जा रहा है. दो साल पहले भी बिहार पुलिस ने 20 स्निफर डॉग खरीदे थे, जो शराब पकड़ने में माहिर हैं. इस टीम में दामिनी, माही और हंटर जैसे डॉग ने केस सुलझाने में पुलिस को काफी सहयोग दिया है.

बेल्जियम शेफर्ड :

हैदराबाद में प्रशिक्षण ले रहे बेल्जियम शेफर्ड की खासियत है कि इसमें लंबी छलांग लगाने के अलावा सूंघने की शक्ति काफी तीव्र होती है.

लैब्राडोर

:

लैब्राडोर खोज और बचाव, विस्फोटक और नशीली दवाओं का पता लगाने के लिए एक लोकप्रिय पुलिस डॉग है. यह बहुत ही प्रशिक्षित, कुशल और अपने हैंडलर के आदेशों का पालन करने में हमेशा तत्पर होते हैं.

गोल्डन रिट्रीवर :

इनकी सबसे बड़ी खासियत ये है कि इन श्वानों का मिजाज भले ही शिकारी हो, लेकिन ये बेहद शांत और खामोशी से टारगेट को भेदने के लिए जाने जाते हैं. ये डॉग दिल्ली पुलिस के पास भी हैं और अमेरिका जैसे देश की पुलिस भी इनका इस्तेमाल करती है.

दामिनी

:

दामिनी जर्मन शेफर्ड नस्ल की है, जिसने करीब एक दर्जन कांडों को सुलझाने में पुलिस की मदद की है. हंटर और मैडी जमीन से शराब निकालने में एक्सपर्ट है. अब 15 और नये ट्रेंड डॉग मिलने से डॉग स्क्वायड की ताकत और भी मजबूत हो जायेगी.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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