13.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Bihar Land Survey: एक ज़मीन का कई लोगों के नाम दाख़िल ख़ारिज़, कौन कर रहा रजिस्टर 2 के पन्ने गायब

Bihar Land Survey: निबंधन विभाग इन मामलों को स्वीकार तो कर रहा है, लेकिन अब तक इस मामले में किसी प्रकार की प्राथमिकी या कार्रवाई नहीं की गयी है. विभाग अब तक केवल इन मामलों की जांच करने और दोषी पाए जाने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की बात कह रहा है.

Bihar Land Survey: पटना. बिहार में चल रहे जमीन सर्वे में भू माफिया सक्रिय हो गये हैं. पटना समेत कई जिलों में एक ही जमीन के कई लोगों के नाम दाखिल-खारिज होने का मामला सामने आ रहा है. जब उस जमीन का रजिस्टर 2 में अंकित नाम खोजा जाता है तो पता चलता है कि रजिस्टर का वो पन्ना ही गायब है. कई जिलों में तो जमीन रजिस्ट्री के पुराने दस्तावेज भी गायब होने की खबरें आ रही हैं. पटना, बक्सर और भागलपुर जैसे जिलों से ऐसी शिकायतें अधिक मिल रही हैं. निबंधन विभाग इन मामलों को स्वीकार तो कर रहा है, लेकिन अब तक इस मामले में किसी प्रकार की प्राथमिकी या कार्रवाई नहीं की गयी है. विभाग अब तक केवल इन मामलों की जांच करने और दोषी पाए जाने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की बात कह रहा है.

निबंधन कार्यालयों से गायब हो रहे जमीन के दस्तावेल

जमीन सर्वे का काम शुरू होने के बाद से ही बड़ी संख्या में लोग अपनी जमीन के रजिस्टर्ड दस्तावेज की सत्यापित प्रतियां लेने के लिए निबंधन कार्यालय पहुंच रहे हैं. कई लोगों को अपने दस्तावेजों की प्रतियां नहीं मिल पा रही हैं. अभिलेखागार प्रबंधन का कहना है कि बहुत से पुराने रिकॉर्ड बहुत ही खराब हालत में हैं और उनका इंडेक्स भी नहीं है, जिसकी वजह से दस्तावेज ढूंढने में दिक्कत हो रही है. हालांकि, कुछ अवर निबंधकों ने अपनी जांच में पाया है कि कुछ पूर्व कर्मचारियों ने मिलीभगत कर के कई जमीनों के रिकॉर्ड गायब कर दिए हैं. ऐसे मामलों में संबंधित फाइलों को जब्त कर लिया गया है और उनसे जुड़े कर्मचारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी गई है.

ऑनलाइन जमाबंदी में कई दिक्कतें

मधुबनी जिले के चनौर गांव निवासी अनिल सिंह झा ने बताया कि रजिस्टर-2 के कई पेज गायब हैं. यहां तक कि मूल खातियान से भी छेड़छाड़ की गई है. इस बात के वे खुद भी भुगतभोगी हैं. दरअसल, सरकार की ओर से दावा किया जा रहा है कि सभी अंचलों में जमाबंदी को डिजिटाइज्स किया जा चुका है. लेकिन सैकड़ों रैयतों की ऑनलाइन जमाबंदी नहीं हो पाई है. कई रैयतों की जमीन का खाता, खैसरा, रकबा और नाम गलत है. इससे उनकी रसीद नहीं कट पा रही है. ऐसे में उन्हें दफ्तरों के चक्कर काटने पर मजबूर होना पड़ रहा है. इतनी बड़ी संख्या में गड़बड़ी हुई है कि इसे ठीक करने में कितने वर्ष लगेंगे यह बता पाना बेहद मुश्किल है.

Also Read: Bihar Land Survey : जमीन सर्वे के लिए कहीं जाने की जरूरत नहीं, घर बैठे हो सकता है यह काम

पुराने दस्तावेजों का हो रहा डिजिटाइज

पुराने रजिस्ट्री दस्तावेजों को सुरक्षित रखने के लिए निबंधन विभाग उन्हें डिजिटाइज कर रहा है. इसके तहत 200 साल पुराने दस्तावेजों को भी डिजिटल किया जाएगा. इसके लिए 1796 से 1995 तक की अवधि के पांच करोड़ 13 लाख 48 हजार से अधिक निबंधित दस्तावेजों को चिह्नित किया गया है, जिन्हें चरणबद्ध तरीके से डिजिटाइज किया जाएगा. मद्य निषेध उत्पाद एवं निबंधन विभाग के सचिव, विनोद सिंह गुंजियाल ने कहा कि अभी तक 1995 से लेकर अब तक के करीब दो करोड़ 34 लाख दस्तावेजों को डिजिटल रूप दिया जा चुका है. विनोद सिंह गुंजियाल ने कहा कि पटना, बक्सर, भागलपुर जैसे जिलों में दस्तावेज गायब होने की शिकायतें मिली हैं. वहां शिकायत दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें