Diabetes : टाइप टू डायबिटीज (type 2 diabetes) आजकल बहुत ज्यादा आम बात हो गई है बूढ़े तो बूढ़े, जवान और बच्चों को भी यह खतरनाक बीमारी अपना शिकार बना रही है. इस बीमारी के सबसे आम कारक होते हैं, खराब दिनचर्या और अत्यधिक शक्कर और मीठे का सेवन करना. इसके अलावा कुछ जेनेटिक कारण और हेरेडिटरी कारण भी इसके मुख्य कारक हो सकते हैं. हालांकि शुगर के होने पर शरीर में कुछ लक्षण दिखते हैं, जिससे यह पता चलता है कि उन्हें मधुमेह की बीमारी हो गई है. जिसको समय रहते नियंत्रित कर लिया गया तो स्थिति बिगड़ने से बचाव किया जा सकता है.
Diabetes : शरीर के कौन से अंगों पर पड़ता है शुगर का प्रभाव?
रक्त में शुगर का स्तर बढ़ने पर लोगों के शरीर के कई अंगों पर बुरा प्रभाव पड़ता है, जिसे नजर अंदाज नहीं करना चाहिए.
Pain in Legs : पैरों में समस्याएं
लंबे समय तक शुगर रहने पर पैरों की नसों पर गहरा असर पड़ता है जिसके कारण पैर की नसें कमजोर होने लग जाती है और ऐसे में व्यक्ति को पैरों में सुन्नपन, दर्द और चुभन की समस्या होने लगती है.
Eye Problems : आंखों की समस्या
ज्यादा समय तक उच्च शहर का रास्ता की समस्या होने पर आंखों पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है जिसके कारण लोगों की आंखों की रोशनी कमजोर होने लगती है दिखने में समस्याएं होती है और डायबीटिक रेटिनोपैथी (diabetic retinopathy) जैसी गंभीर समस्या होती है जिससे लॉन्ग टर्म में व्यक्ति अंधेपन का शिकार भी हो सकता है.
Heart Problems : हृदय स्वास्थ्य से जुड़ी परेशानियों
शुगर की समस्या बढ़ने पर हृदय से जुड़ी समस्याएं होने का खतरा बढ़ जाता है और हार्ट अटैक और स्ट्रोक जैसी घातक परेशानियां भी इसकी देन होती है. दरअसल, रक्त में शुगर का लेवल बढ़ने पर या आपकी धमनियों में जमने लगते हैं, जिस वजह से रक्त संचार में रुकावट आने लगती है और इसी वजह से हृदयाघात जैसी समस्या होती है.
Kidney Problem : किडनी स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं
रक्त में शुगर का स्तर बढ़ने पर किडनी से जुड़ी समस्याओं का खतरा भी बढ़ जाता है. दरअसल किडनी में बहुत छोटी-छोटी रक्त वाहिकाएं होती हैं, जिनमें रक्त शर्करा स्तर बढ़ने पर ब्लॉकेज की समस्या होने लगती है और किडनी की कार्य प्रणाली पर इसका गहरा प्रभाव पड़ता है. जिसके परिणाम स्वरूप किडनी फेल होने जैसी समस्याएं भी हो सकती है.
Brain Problem : दिमागी स्वास्थ्य से जुड़ी समस्या
रक्त शर्करा स्तर के अत्यधिक बढ़ाने पर रक्त वाहिकाएं और धनिया कमजोर होने लगती है जिसके कारण रक्त संचार बाधित होने लग जाता है और इसी के चलते कई जरूरी अंगों में पूरी तरह से रक्त नहीं पहुंच पाता है, जिस वजह से वह धीमे-धीमे कमजोर होने लगते हैं और उनके कार्य बाधित होने लग जाते हैं. इसी तरह से जब दिमाग में रक्त संचार बाधित होने लगता है तो मस्तिष्क आघात होने का खतरा बढ़ जाता है.
Wound : घाव न भरना
इन सब के अतिरिक्त अगर आपके शरीर पर होने वाला एक छोटा सा घाव भी भरने में सामान्य से ज्यादा वक्त ले रहा है और वह बढ़ता चला जा रहा है, तो यह भी रक्त में शर्करा स्तर के बढ़ने का एक लक्षण हो सकता है. इस तरह के लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए और तुरंत चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए.
इसके अलावा पूरा परहेज करना चाहिए और मीठी चीजों से दूरी बना लेनी चाहिए. एक स्वस्थ और निरोगी जीवन की कल्पना को साकार करने के लिए अपनी आदतों में, दिनचर्या में और खान-पान में सुधार लाना आवश्यक होता है.
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.