बीहट. राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की 116वीं जयंती के मौके पर मंगलवार की शाम दिनकर पुस्तकालय सिमरिया के प्रांगण में एक विराट कवि सम्मेलन आयोजित किया गया. कवि सम्मेलन का संचालन प्रवीण प्रियदर्शी एवं धन्यवाद ज्ञापन दिनकर पुस्तकालय के अध्यक्ष विश्वंभर सिंह ने किया. वहीं स्वागत भाषण दिनकर स्मृति विकास समिति के कोषाध्यक्ष रामनाथ सिंह ने किया. कवि सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ कवि अशांत भोला ने सूरज है, ना रौशनी है, ना उजाला है, रेत कर गला अंधेरों ने मार डाला है, ताजा लहू के धब्बे लगे हैं यहां कहीं दिल कहीं दाल में काला है जैसी धारदार पंक्तियां सुनाई. वहीं सूर्यगढ़ा से आये गजलकार राजेंद्र राज ने रिश्ते इतने बोझिल हो गये, दौलत में सब पागल हो गये. किस-किस को बदनाम करें हमे अपने थे जो कातिल हो गए सुनाकर खूब वाहवाही बटोरी.जिले के वरिष्ठ कवि प्रफुल्ल मिश्र ने अपनी आत्मा को खोल के रख देते हैं, दिल में जो है वो बोल के रख देते हैं जैसी धारदार मुक्तक सुनाया.लोक गीतकार डॉ. सच्चिदानंद पाठक ने नेता लिलबकरी में नय कोनो अंतर, दुन्नू चरै के जानै छय मंतर, वोट घड़ी आय के करै दंत खिसरी, चैयर गेलय हो सौंसे खेत लिलबकरी को सुनाकर श्रोताओं को खूब रिझाया.मशहूर गीतकार रामा मौसम ने बंजर जमीन में दूब उगाने के जोश में हर लम्हा जिन्दगी का बेताब हो गया को सुनाकर लोगों को झूमने पर विवश कर दिया.वरिष्ठ साहित्यकार शेखर सावंत ने वो नफरतों का व्यापार करते हैं, हम प्रेम का दरिया बहाया करते हैं को सुनाया.पुष्कर प्रसाद सिंह ने बेगूसराय के लाल शहीद ऋषि कुमार पर कविता सुनाई.जनवादी कवि दीपक सिन्हा ने खामोश निगाहें तेरी देखकर ये छन्द, मुक्तक, अंतरा सब बेकार है, ये प्यार मोहब्बत रूसवाई सब बेकार है, ये गिला ये शिकबा सब बेकार है को सुनाया.कवयित्री सुनीता झा ने मरने से पहले जीना सीखो मुसीबतों से लड़ना सीखो सुनाकर लोगों का हौसला आफजाई किया. मौके पर जलेस के राज्य सचिव कुमार विनीताभ, अजय सिंह, ललन लालित्य, दीपक कुमार, देवेन्द्र कुंवर, रंजू ज्योति, अवनीश कुमार, मिन्टू कुमार झा, सुजीत कुमार, अंकित कुमार, रविरत्न, विश्वभूषण गुप्ता, विनोद बिहारी, संजीव फिरोज, प्रणय राज, ए.के मनीष, प्रियव्रत कुमार, गुलशन कुमार, अमन गौतम, अनुराग कुमार समेत कई कवियों ने काव्य पाठ किया. मौके पर राजेश कुमार सिंह, प्रदीप कुमार, अमरदीप सुमन, लक्ष्मणदेव कुमार, राजेन्द्र राय, डॉ. कुंदन कुमार, सुनील कुमार सिंह, धनंजय कुमार, कृष्णनंदन पिंकू, राधे कुमार, मनीष कुमार, अजीत कुमार, कृष्ण मुरारी, विशुनदेव राय, राजेन्द्र महतो समेत अनेक गणमान्य मौजूद थे.
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